10 पीओ व 23 पीआरएस के वेतन पर रोक लगी

मनरेगा के बचे रुपये नहीं लौटाना पड़ा महंगा प्रभारी उपविकास आयुक्त ने की कार्रवाई औरंगाबाद (कोर्ट) : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का विकास मद के बचे रुपये को निर्धारित समय के भीतर वापस नहीं करना विभिन्न प्रखंड के पीओ व पीआरएस को काफी महंगा पड़ा. अपर समाहर्ता सह प्रभारी उपविकास आयुक्त सुरेश प्रसाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2015 1:45 AM
मनरेगा के बचे रुपये नहीं लौटाना पड़ा महंगा
प्रभारी उपविकास आयुक्त ने की कार्रवाई
औरंगाबाद (कोर्ट) : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का विकास मद के बचे रुपये को निर्धारित समय के भीतर वापस नहीं करना विभिन्न प्रखंड के पीओ व पीआरएस को काफी महंगा पड़ा. अपर समाहर्ता सह प्रभारी उपविकास आयुक्त सुरेश प्रसाद साह ने कार्रवाई करते हुए जिले के 10 प्रखंडों में पदस्थापित पीओ (प्रोग्राम ऑफिसर) व जिले की विभिन्न पंचायतों में पदस्थापित 23 पीआरएस (पंचायत रोजगार सेवक) के वेतन पर अगले आदेश तक रोक दी गयी है.
इससे संबंधित जानकारी देते हुए प्रभारी उपविकास आयुक्त श्री साह ने बताया कि विभाग द्वारा फरवरी के अंत तक ही पंचायतों में बचे विकास मद का शेष रुपये को वापस करने का आदेश दिया गया था. इसके लिए सभी पीओ व पीआरएस को जानकारी दी गयी थी. इसके बावजूद ये लोग काम में रुचि नहीं लिये, बल्कि दिये गये आदेश की अनदेखी कर दी गयी. इस पर विभागीय कार्रवाई करते हुए अगले आदेश तक वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. अब, जब तक रुपये चेक के माध्यम से वापस विभाग को नहीं लौटा दिया जाता है, तब तक वेतन भुगतान स्थगित रहेगा.
इन पर हुई कार्रवाई
जिले के हसपुरा, औरंगाबाद, ओबरा, दाउदनगर, बारुण, रफीगंज, गोह, देव, कुटुंबा व नवीनगर प्रखंड के पीओ के वेतन पर रोक लगायी गयी है. इसी तरह सदर प्रखंड के खैराबिंद पंचायत, कुटुंबा के बैरांव, दधपा, कुटुंबा, मटपा, संडा, घेउरा, बारुण प्रखंड के धमनी, मेह, जनकोप, मदनपुर के महुआंवा, सलैया, खिरीयावां, घटराइन, मनिका, मदनपुर, बेरी पंचायत, देव प्रखंड के बेढ़ना, बनुआ व नवीनगर प्रखंड के ठेंगो, सिमरी धमनी व मंङिायावां पंचायतों के पीआरएस का वेतन रोका गया है.
प्रभारी विकास आयुक्त ने कहा कि जो रुपये बचे हैं, उसी को लौटाना है. यदि रुपये नहीं बचे हैं तो पासबुक का फोटो कॉपी के साथ एक रिपोर्ट तैयार कर कार्यालय को अविलंब सौंप दें. यह बेहद साधारण काम है. यदि ऐसे काम में भी पीओ व पीआरएस लापरवाही बरत रहे हैं तो कार्रवाई करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि जिले के पंचायतों में मात्र 15 लाख रुपये के आसपास विभाग का बकाया है.

Next Article

Exit mobile version