गरीब परिवार से छिन गया बसेरा
– ओम प्रकाश प्रीत – औरंगाबाद : कभी–कभी प्रकृति का सौतेलापन व्यवहार अभिशाप भी बन जाती है. पूरी दुनिया प्रकृति की ही गोद में पल व बढ़ रही है. लेकिन, कब कौन आपदा की चपेट में आ जाये, कहना कठिन है. शहर के बिराटपुर मुहल्ला निवासी बैजनाथ विश्वकर्मा का परिवार दुर्भाग्यवश इस आपदा की चपेट […]
– ओम प्रकाश प्रीत –
औरंगाबाद : कभी–कभी प्रकृति का सौतेलापन व्यवहार अभिशाप भी बन जाती है. पूरी दुनिया प्रकृति की ही गोद में पल व बढ़ रही है. लेकिन, कब कौन आपदा की चपेट में आ जाये, कहना कठिन है.
शहर के बिराटपुर मुहल्ला निवासी बैजनाथ विश्वकर्मा का परिवार दुर्भाग्यवश इस आपदा की चपेट में आ गया. पिछले दिनों हुई वर्षा में बैजनाथ विश्वकर्मा का मकान गिर कर ध्वस्त हो गया. शुक्र यह रहा कि उसके परिवार के सदस्यों को कोई क्षति नहीं पहुंची. अन्यथा अनहोनी भी हो सकती थी.
लेकिन, अब पूरा परिवार बेघर हो गया है. खुला असमान इनकी छत हो गयी है और गरीबी इनकी चादर. बैजनाथ विश्वकर्मा की पत्नी दूसरों के यहां काम कर परिवार के खर्च में अपना हाथ बंटाती है, तो बेटा भूषण मिस्त्री एक दुकान में कार्य कर दो वक्त की रोटी जुगाड़ कर पाता है. बैजनाथ विश्वकर्मा की उम्र अब इतनी नहीं रह गयी कि वे पूरे परिवार का बोझ उठा सकें.
पुत्र भूषण भी करीब एक माह से बिस्तर पर बीमार पड़ा है. अचानक घर ध्वस्त हो जाने के बाद इस परिवार के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. इस परिवार की इतनी औकात नहीं कि फिर से ईंट –ईंट जोड़ कर अपने लिए घर खड़ा कर सके.
पुत्र भूषण भी इतनी क्षमता नहीं रखता कि दो वक्त की रोटी से ज्यादा कुछ सोच सके. ऐसे में इस बीपीएल परिवार को जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से ये उम्मीद लगी है कि उनकी नजर इस ओर मुड़े और इनकी मदद में वे आगे आये.