आखिर कब तक गुनाहगारों की तरह मुंह छिपाती रहेगी छात्र

देवकुंड (औरंगाबाद): एक तरफ सरकार बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के नारे दे रही है. वहीं दूसरी ओर बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर लगाम नहीं लग पा रही. ऐसी स्थिति सिर्फ हमारे ही राज्य में नहीं, बल्कि पूरे देश में है. राज्य में हर दिन कहीं न कहीं छेड़छाड़ की वारदात या दुष्कर्म की घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2015 10:18 AM
देवकुंड (औरंगाबाद): एक तरफ सरकार बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के नारे दे रही है. वहीं दूसरी ओर बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर लगाम नहीं लग पा रही. ऐसी स्थिति सिर्फ हमारे ही राज्य में नहीं, बल्कि पूरे देश में है. राज्य में हर दिन कहीं न कहीं छेड़छाड़ की वारदात या दुष्कर्म की घटना हो रही है. लेकिन, यह सिलसिला कब तक चलेगा? कब बदलेगी स्थिति? कब बदलेंगे लोग और कब बदलेगी हमारी मानसिकता.
हसपुरा प्रखंड के यदु बिगहा गांव में छह मई को 10वीं की एक छात्र के साथ छेड़खानी के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यह स्थिति कई सवाल खड़े करते हैं. पहला सवाल क्या पीड़ित छात्र अपनी पढ़ाई-लिखाई छोड़ घर पर बैठ जाये या कब तक अपनी इज्जत व न्याय के लिए दूसरे के घर में छिपी रहे? हालांकि हसपुरा थाने की पुलिस ने (कांड संख्या 69/15)केस दर्ज कर कार्रवाई का कोरम पूरा कर लिया है. लेकिन, पुलिस खुलेआम घूम रहे आरोपितों को पकड़ नहीं रही. इसके उलट छात्र गुनाहगारों की तरह अपनी एक सहेली के घर में मुंह छुपा कर रहने को मजबूर है.

घटना के छठे दिन भी पीड़िता अपने सहेली के घर ही छिपी रही. पुलिस ने उसे न तो कोई सुरक्षा मुहैया करायी है और न ही उसके गुनाहगारों को पकड़ने में दिलचस्पी दिखा रही. एक व्यक्ति ने बताया कि जो पीड़ित की सुरक्षा में लगे हैं, उन्हें भी साजिश के तहत केस में फंसाने की बात हो रही है. हालांकि हसपुरा थाने की पुलिस गिरफ्तारी के लिये लगातार छापेमारी तो कर रही, पर अभी तक कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई है. बिहार राज्य अति पिछड़ा आयोग के सदस्य प्रमोद चंद्रवंशी ने बताया कि यह घटना उनके संज्ञान में है. वह वरीय पदाधिकारी से बात कर रहे हैं. पुलिस अधिकारियों से भी बात हुई है. जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई व छात्र को सुरक्षा दिलायी जायेगी.

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