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विकट समस्या : शहर से गांव तक पानी के लिए मचा हाहाकार

20 हजार चापाकलों के सहारे 1850 गांवों की लाखों आबादी एक-एक चापाकल पर सैकड़ों लोगों की लगती है लाइन घंटों इंतजार के बाद लोगों को मिल रहा पीने का पानी औरंगाबाद (ग्रामीण) : एक तरफ ऊंचे -ऊंचे महलों में रहनेवाले लोग हर दिन बेमतलब पानी बरबाद कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कई लोगों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2015 10:22 AM
20 हजार चापाकलों के सहारे 1850 गांवों की लाखों आबादी
एक-एक चापाकल पर सैकड़ों लोगों की लगती है लाइन
घंटों इंतजार के बाद लोगों को मिल रहा पीने का पानी
औरंगाबाद (ग्रामीण) : एक तरफ ऊंचे -ऊंचे महलों में रहनेवाले लोग हर दिन बेमतलब पानी बरबाद कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कई लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. ऐसे लोग पानी की अहमियत को समझते हैं और पूरा परिवार बूंद-बूंद पानी जमा करने में लगा रहता है. इस भीषण गरमी जिले के शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पानी के लिए हाहाकार मचा है. वहीं, हर दिन समाजसेवी संगठनों के कार्यकर्ता पानी की समस्या की तरफ जिले के पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं.
जलस्तर गिरने के कारण जिले में ज्यादातर चापाकल, तालाब, कुएं व बोरिंग या पूरी तरह सूख गये हैं या सूखने के कगार पर हैं. ग्रामीण इलाकों में पानी की स्थिति और भी भयावह हो चुकी है.
50-80 फुट गहराई तक लगाये गये ज्यादातर चापाकल जवाब दे चुके हैं. शेष सूखने के कगार पर है. कुटुंबा, नवीनगर, रफीगंज, मदनपुर आदि प्रखंडों में पानी की समस्या अधिक गंभीर है. अब लोगों की उम्मीदें ऊपरवाले पर ही टिकी हुई हैं. मदनपुर व देव के दक्षिणी इलाके समेत जंगली व पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों के हलक सूख रहे हैं.
पानी के लिए लोग लगातार औरंगाबाद पहुंच कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं. सिर्फ औरंगाबाद शहर की बात की जाये, तो टिकरी मुहल्ला, बिराटपुर, न्यू एरिया, शाहपुर, जसोइया व कथरूआ में अधिकांश चापाकल सूख चुके हैं. कुरैशी मुहल्ला व पठानटोली में एक-एक चापाकल पर दर्जनों लोग बरतन लेकर पानी का इंतजार करते हैं. इन मुहल्लों में गरमी में हर साल यहीं स्थिति बनी रहती हैं. नगर पर्षद द्वारा टैंकर से लोगों को पानी उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन, इस बार मुहल्लावासियों के लिए किसी भी मदद की पेशकश नहीं की.

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