देव में भगवान सूर्य को 500000 व्रतियों ने दिया अर्घ

सूर्यनगरी देव में भगवान भास्कर के प्रति दिखी अटूट आस्था

By Prabhat Khabar News Desk | April 14, 2024 8:35 PM

सूर्यनगरी देव में भगवान भास्कर के प्रति दिखी अटूट आस्था मदनपुर/देव़ सूर्योपासना के महापर्व छठ पर रविवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पित किया. सोमवार को व्रती उदीयमान सूर्य को अर्घ देंगे. इसके बाद व्रतियों के 36 घंटे का निर्जला उपवास खत्म होने के साथ ही चैती छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान भी पूर्ण हो जायेगा. पहला अर्घ देने के लिए सभी छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. हर ओर छठ की छटा बिखरी रही. ऐतिहासिक व आध्यात्मिक स्थल देव में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा झारखंड, यूपी, छतीसगढ़, बंगाल समेत अन्य प्रदेशों से लोग छठ करने पहुंचे. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देने के लिए व्रती व श्रद्धालु दोपहर से ही आवासन स्थल से रवाना हो गये थे और सूर्यकुंड तालाब पर पहुंचे. इसके बाद डूबते सूर्य को अर्घ देने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा. सूर्यनगरी देव में लगभग पांच लाख व्रतियों ने सूर्य को अर्घ अर्पित किया. देव में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह सजग दिखा. पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारियों और पुलिस जवानों को तैनात किया गया है. वहीं पूरे मेला क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी गयी. डीएम श्रीकांत शास्त्री व एसपी लगातार मॉनिटरिंग करते रहे. श्रद्धालुओं ने पूरी आस्था के साथ भगवान भास्कर की आराधना की. सूर्यकुंड तालाब में स्नान करने के बाद डूबते सूर्य को अर्घ दिया. इसके बाद सूर्य मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की. इस दौरान गाये जाने वाले छठ गीतों से घाट गुलजार रहे. व्रतियों ने पारंपरिक छठ गीत गाये. वैसे भी कहा जाता है कि पारंपरिक गीतों के बिना छठ महापर्व पूर्ण नहीं हो सकता . श्रद्धालुओं के लिए देव में कई जगहों पर आवासन की व्यवस्था की गयी है, जहां तमाम सुविधाएं मुहैया करायी गयी हैं. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की गयी है व वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गयी है. पेयजल, स्वास्थ्य समेत सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं. वहीं प्रतिनियुक्त सभी दंडाधिकारियों व कर्मियों को पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी का निर्वहन करने का निर्देश दिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. कहा जाता है कि देव में छठ पर्व करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, वे पुन: यहां आकर छठ करते हैं. घाटों पर की गयी व्यवस्था देव के अलावा जिले के सभी प्रखंडों में छठ घाट श्रद्धालुओं से गुलजार रहे. औरंगाबाद शहर के मुख्य अदरी नदी छठ घाट पर श्रद्धालु पहुंचे. यहां श्रद्धालुओं के लिए सारी व्यवस्थाएं की गयीं. औरंगाबाद-अंबा रोड स्थित दोमुहान घाट, कर्मा रोड स्थित चहका घाट, पुलिस लाइन घाट, विराटपुर घाट, सतचंडी घाट समेत अन्य घाटों पर भी श्रद्धालुओं का हुजूम पहुंचा. कई घाटों पर रात में श्रद्धालुओं के ठहरने की भी व्यवस्था की गयी. प्रसाद, दूध व पूजन सामग्री का वितरण घाट जाने वाले रास्तों में विभिन्न समिति की ओर से फल आदि का वितरण किया गया. पहले छठ घाट तक जाने वाली सड़कों की साफ-सफाई की और फिर लाइटों आदि से सजाया. फिर प्रसाद, दूध व पेयजल का वितरण किया. देव मेला क्षेत्र में विभिन्न समितियों की ओर से ऐसी व्यवस्था की गयी थी.

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