‘पीआरएस एकजुट हैं, लेकर रहेंगे अधिकार’

औरंगाबाद . पंचायत सचिव में समायोजन की मांग को लेकर शुरू आंदोलन के दौरान ऐसी स्थिति बनी कि पंचायत रोजगार सेवकों को अपनी सेवा से भी हाथ धोने पर मजबूर हो गये. जब सरकार ने इनकी बात नहीं मानीं तो पंचायत रोजगार सेवकों ने अपना आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया. जिसपर विभाग के निर्देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2015 9:29 AM
औरंगाबाद . पंचायत सचिव में समायोजन की मांग को लेकर शुरू आंदोलन के दौरान ऐसी स्थिति बनी कि पंचायत रोजगार सेवकों को अपनी सेवा से भी हाथ धोने पर मजबूर हो गये. जब सरकार ने इनकी बात नहीं मानीं तो पंचायत रोजगार सेवकों ने अपना आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया. जिसपर विभाग के निर्देश पर जिलाधिकारी नवीन चंद्र झा ने पीआरएस संघ के जिलाध्यक्ष समेत 11 प्रखंडों के प्रखंड अध्यक्षों को सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में बरखास्त कर दिया.

साथ ही आंदोलनरत पीआरएस को आंदोलन समाप्त कर कार्य पर लौटने का निर्देश दिया. लेकिन, एक भी पीआरएस कार्य पर वापस नहीं लौटे और आंदोलन जारी रखा. अपने 12 साथियों को बरखास्त किये जाने के बाद दो दिन पहले पीआरएस संघ की एक बैठक गेट स्कूल परिसर में आयोजित हुई. उसमें निर्णय लिया गया कि यदि प्रशासन व सरकार मांग नहीं पूरी करती है और बरखास्त करने का आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो उग्र आंदोलन करते हुए सामूहिक रूप से त्याग पत्र सौंपेंगे.

इसी निर्णय के आलोक में सोमवार को जिले के सभी पीआरएस समाहरणालय पहुंचे और जिलाधिकारी नवीन चंद्र झा के समक्ष अपना त्याग पत्र सौंप दिया. त्याग पत्र सौंपकर लौटने के बाद संघ के उपाध्यक्ष सुबोध कुमार, मुकेश कुमार, धनंजय कुमार, बच्चु राम, करण कुमार, अफरोज आलम, आकाश कुमार, व्यास मुनि, ललन कुमार सहित अन्य पीआरएस ने कहा कि अब सरकार के विरुद्ध हमलोग आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. सेवा से तो त्याग पत्र दे दिया. जरूरत पड़ी तो जान भी दे देंगे, लेकिन अधिकार लेकर रहेंगे. इसके लिए सभी पीआरएस एकजुट हैं. इधर, अपर समाहर्ता सह उपविकास आयुक्त सुरेश प्रसाद साह ने कहा कि पहले पंचायत रोजगार सेवक सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए आवेदन दिये थे, लेकिन सोमवार को सभी लोग त्याग पत्र सौंपा है. इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दे दी गयी है. आदेश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.

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