नॉलेज हब के रूप में करें विकसित

औरंगाबाद (नगर): जिला मुख्यालय स्थित वैष्णवी हाइट्स होटल में सोमवार को आयोजित कार्यशाला में मगध प्रमंडलीय स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को नेशनल हेल्थ सोर्स ऑफ रिसर्च सेंटर (एनएचएसआरसी) की पांच सदस्यीय टीम ने कई टिप्स दिये. साथ ही पदाधिकारियों से जिले के अस्पतालों की व्यवस्था की जानकारी भी ली. अस्पतालों में मरीजों के इलाज व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2015 1:16 AM
औरंगाबाद (नगर): जिला मुख्यालय स्थित वैष्णवी हाइट्स होटल में सोमवार को आयोजित कार्यशाला में मगध प्रमंडलीय स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को नेशनल हेल्थ सोर्स ऑफ रिसर्च सेंटर (एनएचएसआरसी) की पांच सदस्यीय टीम ने कई टिप्स दिये. साथ ही पदाधिकारियों से जिले के अस्पतालों की व्यवस्था की जानकारी भी ली. अस्पतालों में मरीजों के इलाज व देखभाल पर विशेष बल दिया.
कार्यशाला का उद्घाटन नेशनल हेल्थ सोर्स ऑफ रिसर्च सेंटर (एनएचएसआरसी) के पांच सदस्यीय टीम व जिलाधिकारी नवीनचंद्र झा ने दीप जला कर किया. इस मौके पर एनएचएसआरसी के डॉ प्रशांत भूषण ने कहा कि औरंगाबाद जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल बनाने के लिए चयनित किया गया है. इसी उद्देश्य से पांच सदस्यीय टीम जांच करने के लिए यहां पर पहुंची है. छह माह का समय बेहतर सुधार के लिए दिया गया है. यहां किस तरह से मरीजों का इलाज व देखभाल की जाती है. उसके बाद देखा जायेगा कि क्या कमियां रह गयी हैं.
डॉ भूषण ने कहा कि जिले में निजी एएनएम व जेएनएम नर्सिग कॉलेज हैं, तो उन्हें सदर अस्पताल से जोड़ें. उससे जिले का भला होगा. स्टाफ की कमी है, उसे दूर किया जायेगा. साथ ही सदर अस्पताल को नॉलेज हब के रूप में विकसित करें. उनके अनुसार यहां उपचार भी होगा. किताब, कंप्यूटर व अन्य उपकरण की व्यवस्था की जायेगी, ताकि लोग यहां आकर नॉलेज प्राप्त कर सकें. सदर अस्पताल में देखने को मिलता है कि एक मरीज के साथ 10 परिजन आ जाते हैं.

उन्हें भरोसा नहीं होता कि सही तरीके से इलाज होगा. ऐसा नहीं करें. जो मरीज सदर अस्पताल में पहुंचते हैं, उनका सही तरीके से उपचार व देखभाल करें. जो चिकित्सक अच्छी सेवा देते हैं, उससे उनका नाम बाहर में भी रोशन होता है. क्षेत्रीय उपनिदेशक डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सदर अस्पताल औरंगाबाद को मॉडल अस्पताल बन जाने से इस क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ होगा. सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है. इसी का परिणाम है कि सदर अस्पताल में दो हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. जो कमियां हैं, उन्हें दूर किया जायेगा.

जिलाधिकारी नवीन चंद्र झा ने कहा कि सदर अस्पताल में सुविधाएं बढ़ी हैं. उनका लाभ लोगों को सही तरीके से दें, ताकि उनका विश्वास और बढ़ सके. चिकित्सक दूसरे भगवान के रूप में जाने जाते हैं. इस कार्यशाला में औरंगाबाद सिविल सजर्न डॉ परशुराम भारती, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ तपेश्वर प्रसाद, डीपीएम कुमार मनोज के अलावा गया, जहानाबाद, नवादा, अरवल जिले के सिविल सजर्न, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, डीपीएम, स्वास्थ्य प्रबंधक शामिल हुए.

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