नहीं मिले महत्वपूर्ण कागजात
औरंगाबाद (नगर) : मिलरों द्वारा किया गया करोड़ों रुपये गबन से संबंधित मामले की जांच करने के लिए मंगलवार की दोपहर पुलिस अधीक्षक बाबू राम बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला कार्यालय पहुंचे.सदर अस्पताल के सामने स्थित खाद्य निगम कार्यालय में घंटों देर तक पुलिस अधीक्षक अधिकारियों के साथ कार्यालय की फाइलों की जांच की. […]
औरंगाबाद (नगर) : मिलरों द्वारा किया गया करोड़ों रुपये गबन से संबंधित मामले की जांच करने के लिए मंगलवार की दोपहर पुलिस अधीक्षक बाबू राम बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला कार्यालय पहुंचे.सदर अस्पताल के सामने स्थित खाद्य निगम कार्यालय में घंटों देर तक पुलिस अधीक्षक अधिकारियों के साथ कार्यालय की फाइलों की जांच की.
लेकिन, पदाधिकारियेां द्वारा एसपी को सभी फाइलें उपलब्ध नहीं करायी गयी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बिहार राज्य खाद्य निगम के दर्जनों मिलरों द्वारा करोड़ों रुपये का गबन किया गया है. इस मामले से संबंधित 40 मिलरों पर प्राथमिकी खाद्य निगम के जिला प्रबंधक द्वारा अलग-अलग थाने में दर्ज करायी गयी है.
जब थाने के अनुसंधानकर्ता बिहार राज्य खाद्य निगम कार्यालय में गबन से संबंधित कागजात की मांग कर रहे हैं तो उन्हें विभाग द्वारा कागजात उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है.
बल्कि विभाग द्वारा अनुसंधान में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है. इधर, प्राथमिकी को लेकर पटना हाइकोर्ट काफी गंभीर है. हाइकोर्ट ने स्वयं पुलिस अधीक्षक को इस मामले में जांच करने का निर्देश दिया है.
पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने एसडीपीओ पीएन साहू, नवीनगर थानाध्यक्ष, कुटुंबा थानाध्यक्ष, अंबा थानाध्यक्ष, रिसियप थानाध्यक्ष, माली थानाध्यक्ष, बारुण थानाध्यक्ष, मुफस्सिल थाना के दारोगा, कासमा थानाध्यक्ष, नरारी थानाध्यक्ष सहित अन्य थाने के पुलिस पदाधिकारियों के साथ बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला कार्यालय पहुंचे और पूरे मामले की जांच की. पुलिस अधीक्षक ने बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक कामेश्वर प्रसाद सिंह को निर्देश दिया कि दो दिनों के अंदर सभी कागजात उपलब्ध करायें अन्यथा आपके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कार्यालय को सील कर दिया जायेगा.
इधर, पुलिस अधीक्षक द्वारा की गयी जांच से इस कार्यालय के पदाधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ मिलरों में हड़कंप व्याप्त हो गया है. एसपी बाबू राम ने बताया कि इस मामले में 40 मिलर हैं जिन पर प्राथमिकी है और किसी भी मिलर पर एक करोड़ से ऊपर गबन करने की प्राथमिकी है.
ये सभी 40 मिलर बचाव में पटना उच्च न्यायालय गये थे. न्यायालय द्वारा सभी पटिशन को एक साथ खारिज कर दिया गया. एसपी ने कहा कि यह पब्लिक मनी का मामला है और इसे काफी गंभीरता से इस मायने में देख रहा हूं कि किसानों का धान का पैसा फंसा हुआ है और कुछ ही दिन बाद धान की खरीदी होनी है. आगे इस तरह की परेशानी किसानों को नहीं हो और अगर मिलर या बिचौलिया करते हैं तो उन्हें भी इसी केस मे जोड़ा जायेगा. हमारे मेहनत का फायदा किसानों का जितना मिले मैं प्रयास करता रहूंगा.