अंधाधुंध कट रहे पेड़ ! – लीड

अंधाधुंध कट रहे पेड़ ! – लीडफ्लैग — पटना-औरंगाबाद रोड (एनएच-98) का हो रहा चौड़ीकरण स्थानीय प्रशासन के पास पेड़ों के कटने का ब्योरा नहींएनएचएआइ को वन विभाग के हवाले करने हैं कटे पेड़फोटो नंबर-2,3,-कभी यहां पर हुआ करते थे पेड़, कटाई के बाद बचा पेड़ का अवशेष.प्रतिनिधि, औरंगाबाद/दाउदनगर पटना-औरंगाबाद रोड (एनएच-98) के चौड़ीकरण कार्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2015 7:02 PM

अंधाधुंध कट रहे पेड़ ! – लीडफ्लैग — पटना-औरंगाबाद रोड (एनएच-98) का हो रहा चौड़ीकरण स्थानीय प्रशासन के पास पेड़ों के कटने का ब्योरा नहींएनएचएआइ को वन विभाग के हवाले करने हैं कटे पेड़फोटो नंबर-2,3,-कभी यहां पर हुआ करते थे पेड़, कटाई के बाद बचा पेड़ का अवशेष.प्रतिनिधि, औरंगाबाद/दाउदनगर पटना-औरंगाबाद रोड (एनएच-98) के चौड़ीकरण कार्य तेजी से चल रहा है. उसी तेजी से एनएच-98 के किनारे सैकड़ों पेड़ों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है. पेड़ाें की अंधाधुंध कटाई हाे रही है. अब सड़क के दोनों किनारे गिने-चुने पेड़ ही देखने को मिल रहे है़ं. गौरतलब है कि औरंगाबाद जिले के दाउदनगर प्रखंड क्षेत्र के ठाकुर बिगहा से लेकर औरंगाबाद रोड तक एनएच-98 पर काफी संख्या में पेड़ हुआ करते थे. इनमें फलदार व छायादार वृक्ष भी थे. सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू होने के करीब डेढ़ साल के अंदर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई, जो कई सवाल खड़े करता है. सड़क चौड़करण का कार्य मेनटो कारलो नामक कंपनी द्वारा कराया जा रहा है. पेड़ की कटाई जरूरत के अनुसार करनी है और कटे हुए पेड़ों को एनएचएआइ को वन विभाग के हवाले कर देना है. जितनी संख्या में पेड़ काटे जायेंगे उससे दोगुना या तीगुना नये पेड़ लगाये जायेंगे. सूत्रों का कहना है कि जितनी संख्या में पेड़ों की कटाई हुई है, वह जांच का विषय बन सकता है. सड़क चौड़ीकरण करने के नाम वैसे पेड़ों की भी कटाई की गयी, जो सड़क से काफी किनारे था और उन्हें काटे जाने का कोई औचित्य नहीं दिखता था. काटे गये पेड़ों की संख्या के बारे में स्थानीय प्रशासन को जानकारी नहीं है. इससे यह स्पष्ट होता है कि जितना आंकड़ा संबंधित एजेंसी द्वारा वन विभाग को दिया जायेगा, उसी कागजी आंकड़े को सच माना जायेगा. यही पर जांच की आवश्यकता महसूस की जा रही है. वहीं, दूसरी ओर नये पेड़ भी नहीं लगाये जा रहे हैं.कटाई के बाद कहां गये पेड़दाउदनगर भाजपा प्रखंड अध्यक्ष अश्विनी कुमार तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिला प्रशासन को सार्वजिनक तौर पर यह बताना चाहिए की किस पदाधिकारी के अनुमित से कितनी संख्या में पेड़ों की कटाई की गयी है. कटाई के बाद उसकी लकड़ियों को कहां रखा गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि महंगी लकड़ियों वाले पेड़ों को चिह्नित कर उसकी कटाई भी की गयी है, जो जांच का विषय है. युवा राजद के प्रखंड अध्यक्ष अरुण कुमार यादव ने कहा कि पेड़ों का अस्तित्व समाप्ति के कगार पर है. पेड़ों की कटाई की जांच कराने के लिए वह वन व पर्यवरण विभाग से लिखित अनुरोध करने जा रहे हैं. पत्थरकट्टी निवासी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि सड़क के किनारे के वैसे पेड़ों को भी काटा गया है, जो चौड़करण में बाधक नहीं बन रहे थे.ठेका एजेंसी ने नहीं दिया ब्योराइस संबंध में दाउदनगर सीओ विनोद सिंह ने बताया कि वन विभाग को एनएच-98 पर पेड़ों की कटाई बारे में जानकारी है. एनएच होने के कारण अंचल कार्यालय में पेड़ कटने का ब्योरा उपलब्ध नहीं है. वहीं, थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि पेड़ों की कटाई के बारे में संबंधित ठेका एजेंसी द्वारा कोई जानकारी नहीं दी जाती. हाल ही में उक्त कंपनी को चेतावनी भी दी गयी है.3000 पेड़ काटे जाने की सूचनाइस संबंध में जिला वन पदाधिकारी (डीएफओ) सुधीर कुमार कर्ण ने दूरभाष पर बताया कि करीब 3000 पेड़ कटने की सूचना विभाग को है़ पटना से हरिहरगंज तक एनएच-98 के सभी पेड़ों की गनती कर ली गयी है. कटे हुए पेड़ों के बदले 9 से 10 हजार नये पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार से आदेश प्राप्त होते ही यह कार्य शुरू कर दिया जायोगा. पौधों को संरक्षित करने में आम लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा है.

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