बच्चे समझते हैं शिक्षकों की कार्यशैली को : पीटर फोटो नंबर-22,परिचय- सेमिनार में मौजूद छात्र-छात्रादाउदनगर(अनुमंडल) विवेकानंद मिशन स्कूल में रविवार को क्लाश रूम मैनेजमेंट एंड स्किल डेवलप्मेंट विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए रिसोर्स पर्सन पीटर ने कहा कि बच्चे अब बच्चे नहीं रह गये हैं. वे बदमाश नहीं हैं, नादान हैं. आज इंटरनेट व पोर्नोग्राफी उपलब्ध है. इसमें यदि वे सीख रहे हैं तो बेहतर है. वे शिक्षकों की कार्यशैली को समझते हैं. कार्यशाला में शामिल करीब 10 दर्जन शिक्षकों से श्री पीटर ने कहा कि बच्चे सब समझते हैं. शिक्षकों की गतिविधियों, उनकी कार्यशैली, उनके पढ़ाने के तरीके व उनकी ज्ञान क्षमता को वे समझते हैं. उसकी चर्चा करते हैं. जब शिक्षक अनुशासित होंगे तो कक्षा में अनुशासन बना रहेगा. शिक्षकों को पूर्व तैयारी करनी चाहिए. अपने विषय के अतिरिक्त सामग्रियों का भी अध्ययन करना चाहिए. जो पढ़ाते हैं उसका बच्चे के व्यक्तित्व निर्माण में 22 से 25 फीसद ही योगदान होता है. शेष साफ्ट स्कील से विकसित होता है. एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. दूसरे की टांग खींचने के बजाये उसके प्रति सहयोग व सकारात्मक रुख होना चाहिए. इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन उनके साथ निदेशक डाॅ शंभु शरण सिंह व रांची विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रो डाॅ एनके सिंह, प्राचार्य अभिषेक कुमार व विवेकानंद आइडियल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य एनके सिंह ने किया. निदेशक ने दोनों अतिथियों को विवेकानंद की तसवीर देकर सम्मानित किया.
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बच्चे समझते हैं शक्षिकों की कार्यशैली को : पीटर
बच्चे समझते हैं शिक्षकों की कार्यशैली को : पीटर फोटो नंबर-22,परिचय- सेमिनार में मौजूद छात्र-छात्रादाउदनगर(अनुमंडल) विवेकानंद मिशन स्कूल में रविवार को क्लाश रूम मैनेजमेंट एंड स्किल डेवलप्मेंट विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए रिसोर्स पर्सन पीटर ने कहा कि बच्चे अब बच्चे नहीं रह गये हैं. वे बदमाश […]
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