बेसहारा का नहीं है कोई सहारा
बेसहारा का नहीं है कोई सहारा फोटो नंबर-34,परिचय-पूजा कुमारीनवीनगर(औरंगाबाद).प्रखंड के टंडवा बाजार स्थित वार्ड संख्या पांच में रहनेवाली 17 वर्षीय पूजा जन्म से लेकर अब तक जिल्लत भरी जिंदगी जीने को विवश है. महादलित परिवार की पूजा का एक छोटे भाई के सिवा इस दुनिया में कोई नहीं है. पोलियो की शिकार पूजा उठ कर […]
बेसहारा का नहीं है कोई सहारा फोटो नंबर-34,परिचय-पूजा कुमारीनवीनगर(औरंगाबाद).प्रखंड के टंडवा बाजार स्थित वार्ड संख्या पांच में रहनेवाली 17 वर्षीय पूजा जन्म से लेकर अब तक जिल्लत भरी जिंदगी जीने को विवश है. महादलित परिवार की पूजा का एक छोटे भाई के सिवा इस दुनिया में कोई नहीं है. पोलियो की शिकार पूजा उठ कर खड़ा भी नहीं हो सकती. बड़ी मुश्किल से वह थोड़ी बहुत खिसकती है. गरीबी का दंश झेल रहे दोनों भाई-बहन लोगों द्वारा दिये गये सुखी रोटी खाकर किसी तरह जिंदगी बिता रहे हैं. अपनी बहन की पेट भरने के लिए हर रोज अहले सुबह कटोरा लिए उसका छोटा भाई बाजार में भीख मांगता है. सरकार का यह दावा पूजा को मुंह चिढ़ाते नजर आता है. सरकार की ओर से अब तक इसे कोई सुविधा नहीं मिली है. ग्रामीणों के सहारे विकलांग पूजा व उसके भाई की जिदंगी टिकी हुई है. महादलितों के उत्थान के लिए सरकार लगातार घोषणाएं कर रही है. इसके बावजूद इसके तन पर न वस्त्र है और न खाने को भरपेट भोजन. जिस छोटू को विद्यालय में होना चाहिए था वह अपनी विकलांग बहन को जिंदा रखने हेतु भीख मांगते फिर रहा है. ऐसा लगाता है जैसे बेसहारे को कोई सहारा नहीं होता है.