विसंगति से भरी है पेंशन नीति

विसंगति से भरी है पेंशन नीति कुटुंबा,(औरंगाबाद) पेंशनरों के साथ सरकार की रवैया ठीक नहीं है. सरकार की गलत नीति से पेंशनर परेशान है. यें बाते पेंशनर एसोसिएशन की बैठक में पूर्व प्रधानाध्यापक जयप्रकाश नारायण शर्मा ने कही. उन्होंने कहा कि पेंशन नीति में विसंगति भरी है. बैठक में समिति के संयोयक प्रदीप सिंह, सचिव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 7:23 PM

विसंगति से भरी है पेंशन नीति कुटुंबा,(औरंगाबाद) पेंशनरों के साथ सरकार की रवैया ठीक नहीं है. सरकार की गलत नीति से पेंशनर परेशान है. यें बाते पेंशनर एसोसिएशन की बैठक में पूर्व प्रधानाध्यापक जयप्रकाश नारायण शर्मा ने कही. उन्होंने कहा कि पेंशन नीति में विसंगति भरी है. बैठक में समिति के संयोयक प्रदीप सिंह, सचिव चंद्रदीप सिंह, उप सचिव कमला सिंह, कोषाध्यक्ष रामराज केसरी आदि ने भी समस्याओं पर चर्चा की. पेंशनरों ने कहा कि सूबे की सरकार हम सभी की गला घोंट रही है और अपनी नीति का भी सही से अनुपालन नहीं कर रही है. जब छठवें वेतन लागू किया गया तो सरकार का संकल्प था कि वे पेंशनरों को फुल वेतन देगी. इसका हवाला देते हुए कहा कि छठवें वेतन आयोग एक जनवरी 2006 में लागू हुआ, जिसमें शर्त था कि सेवा पूरी करने वाले पेंशनरों को एक अप्रैल 2007 से फुल पेंशन लागू किया जाएगा ,पर सरकार ने पेंशनरों को यह सुविधा वर्ष 2009 से दे रही है जो विसंगति युक्त है. इसमें सुधार की आवश्यकता है और पेंशनरों को एक अप्रैल 2007 से पूरा पेंशन का भुगतान किया जाना चाहिए. पेंशनरों ने सरकार से इसमें अविलंब सुधार करने की मांग की. इस मौके पर सदस्य अलखदेव उपाध्याय, राम नंदन पासवान व शिवनंदन राम तथा गणेश पासवान आदि थे.

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