संसाधन मौजूद,पर नहीं बनी चहारदीवारी

संसाधन मौजूद,पर नहीं बनी चहारदीवारीहाल रामशरण यादव काॅलेज देवकुंड का विवाद के बाद जमीन की नापी कराने नहीं पहुंचे अधिकारी फोटो नंबर-12,परिचय- विरान पड़ा रामशरण यादव कालेज देवकुंडदेवकुंड (औरंगाबाद). रामशरण यादव कॉलेज, देवकुंड शिक्षा का अलख जगाने में भी अन्य काॅलेजों से पीछे नहीं है. लेकिन एक साल में इस काॅलेज की तसवीर ही बदल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2015 8:00 PM

संसाधन मौजूद,पर नहीं बनी चहारदीवारीहाल रामशरण यादव काॅलेज देवकुंड का विवाद के बाद जमीन की नापी कराने नहीं पहुंचे अधिकारी फोटो नंबर-12,परिचय- विरान पड़ा रामशरण यादव कालेज देवकुंडदेवकुंड (औरंगाबाद). रामशरण यादव कॉलेज, देवकुंड शिक्षा का अलख जगाने में भी अन्य काॅलेजों से पीछे नहीं है. लेकिन एक साल में इस काॅलेज की तसवीर ही बदल गयी है. एक साल पहले इस काॅलेज की तसवीर कुछ अलग ही देखने को मिल रहा था. हरे भरे फुल पौधों से सजा हुआ कॉलेज परिसर था. आज देखने से लग रहा था की काॅलेज विरान पडा है. सोमवार को काॅलेज परिसर में सनाटा पसरा हुआ था. यहां के स्टूडेंट्स क्लास में थे और शिक्षक पढ़ने में मशगुल थे. कार्यालय में प्राचार्य डाॅ युगेश्वर यादव कुछ लेखा-जोखा कर रहे थे, पूछने पर उन्होंने ने बताया कि काॅलेज में बेहतर व्यवस्था होने के कारण छात्रों की संख्या 850 है. परिसर वीरान तो जरूर है. यह स्थिति 15 जनवरी 2015 से हुई है, क्योंकि उसी दिन कुछ देवकुंड के ग्रामीणों ने कालेज की चहारदीवारी को यह कह कर तोड़ दिया था कि यह चहारदीवारी का निर्माण रोड की जमीन में कराया गया है. जबकि चहारदीवारी का निर्माण कालेज कैंपस में ही कराया गया था. घटना के दिन अंचलाधिकारी सुनिल कुमार ने पहुंच कर भूमि नापी कराने का अश्वासन दिया था, लेकिन अब तक न नापी करायी गया, नहीं चहारदीवारी निर्माण कराने को लेकर कोई पहल ही की गयी, जिससे कालेज परिसर में जानवरों का चारागाह बना हुआ है. लगाये गये फुल पौधों को नुकसान कर दे रहा है, जिससे परिसर विरान लग रहा है. यहां के पढ़ने वाले छात्राओं भी चहारदीवारी नहीं रहने से अपने आपको असुरक्षित महसूस करते है़ं.

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