शहर के टिकरी नाले में फेंका जा रहा कूड़ा-कचरा

शहर के टिकरी नाले में फेंका जा रहा कूड़ा-कचरा दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल फोटो नंबर-37,38, परिचय-धर्मशाला मोड़ के पास नाला में लगा कचरों का अंबार, टिकरी नाला की स्थिति हुई संकीर्ण औरंगाबाद कार्यालय.शहर के धर्मशाला मोड़ के पश्चिम से होकर गुजरी नाले में कूड़ा डाल कर कूड़ादान बना दिया गया है. नालियों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2015 8:24 PM

शहर के टिकरी नाले में फेंका जा रहा कूड़ा-कचरा दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल फोटो नंबर-37,38, परिचय-धर्मशाला मोड़ के पास नाला में लगा कचरों का अंबार, टिकरी नाला की स्थिति हुई संकीर्ण औरंगाबाद कार्यालय.शहर के धर्मशाला मोड़ के पश्चिम से होकर गुजरी नाले में कूड़ा डाल कर कूड़ादान बना दिया गया है. नालियों से बह कर नाले में आनेवाले पानी में कूड़ा कचरा सन जाने से दुर्गंध निकल रही है,जिससे पुरानी जीटी रोड से होकर गुजर रहे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. लोग मुंह पर तौलियां या रूमाल ढंक कर पार हो रहे हैं और मन ही मन नगर पर्षद को कोस रहे हैं. लेकिन नगर पर्षद के जिम्मेवार पदाधिकारी व प्रतिनिधि की न तो आंखें इस समस्या को देख रही है न उनके कान तक लोगों की आवाज पहुंच रही है. जब लोग इस समस्या से काफी परेशान हुए तो प्रभात खबर के दफ्तर में पहुंच कर अपनी बात को जिला प्रशासन व नगर पर्षद तक पहुंचाने का प्रयास किया.क्या है इस नाले की स्थिति : शहर के मध्य भाग से होकर गुजरी नाले का नाम टिकरी नाला है. यह नाला शहर के आधे से भी अधिक भाग की नालियों व गलियों से निकलनेवाले पानी को समेट कर अदरी नदी में ले जाता है. अब स्थिति यह हो गयी है कि इस नाले को अतिक्रमण कर लोगों ने घर बना लिया. कई जगहों पर तो तीन तल्ला मकान भी बन गये और नाला सिकुड़ कर रह गयी. नाला का जो भाग अभी भी चौड़ है वह है धर्मशाला के पास बनी पुल के समीप. लेकिन यहां पर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से लेकर आसपास के लोग अपने घरों या दुकानों से निकलने वाले कूड़े-कचरे को इसी नाले में डाल देते हैं. कई बार तो देखा गया कि नगर पर्षद के कर्मचारी भी सफाई कर सड़क की गंदगी को कूड़ेदान में डालने के बजाय इसी नाले में फेंक देते हैं. पुल के समीप फेंके जा रहे कूड़े कचरे से पानी का बहाव रूक गया और इस जगह पर काफी मात्रा में नाली व गली का गंदे पानी जमा हो गया है. लोग उसमें भी कूड़ा और कचरा डालने लगे. एक तो गंदा पानी दूसरा कूड़ा कचरा दोनों से दुर्गंध निकलने लगे. इस दुर्गंध से पुरानी जीटी रोड से शहर में आने-जानेवाले लोगों की परेशानियां बढ़ गयी. यह गंभीर समस्या है, आंदोलन करूंगा : विद्यार्थीनाले से निकल रही दुर्गंध व नगर पर्षद की लापरवाही शहरवासियों के लिए परेशानी पैदा कर दी है. यह एक गंभीर समस्या है और इसके लिए आंदोलन करने की आवश्यकता है. यह कहना है जन विकास परिषद के सचिव व वरीय अधिवक्ता सिद्धेश्वर विद्यार्थी का. इनका यह भी कहना है कि इस शहर की समस्या को लेकर नगर पर्षद कभी भी गंभीर नहीं दिखी. टिकरी नाला में गंदे पानी का जमाव इसका ज्वलंत उदाहरण है. नगर पर्षद की है लापरवाही : मनोज व्यवसायी मनोज मालाकार इस समस्या के लिए नगर पर्षद को जिम्मेवार मानते हैं. इनका कहना है कि टिकरी नाला के प्रति नगर पर्षद की लापरवाही सर्वविदित है. दो वर्ष से यह सुना जा रहा है कि नाला का पक्कीकरण होगा, लेकिन अब इसकी सफाई भी नहीं हो पा रही है. कूड़ा व कचरा डाल कर इसे मच्छरों का घर बना कर रख दिया गया है. लोग इस बात को लेकर भयभीत हैं कि गंदगी से बीमारियां न फैल जाये. लेकिन नगर पर्षद के जिम्मेवार लोग शहरवासियों की चिंता से चिंतित दिखाई नहीं देते. शीघ्र होगी सफाई : कार्यपालक पदाधिकारी इस संबंध में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. इस नाले में लोग कूड़ा डालते हैं और गंदे पानी में कूड़ा कचरा सड़ कर दुर्गंध आ रहे हैं. अब मुझे जानकारी मिली है तो शीघ्र ही इसकी सफाई करायी जायेगी. लेकिन सवाल यहां पर यह उठता है कि विमल कुमार नगर पर्षद के विभागीय कार्यपालक पदाधिकारी है. इनके जिम्मे मात्र एक ही विभाग है. इनकी जिम्मेवारी बनती है कि शहर की जो समस्याएं है उसका स्वयं निरीक्षण करें. इनके द्वारा यह कहा जाना कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है यह साबित करता है कि जिम्मेवार लोग अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं इसके कारण इस तरह की समस्याएं आम लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी है.

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