गायब मिले डॉक्टर व कर्मचारी

कहा, स्पष्टीकरण पूछ कर की जायेगी विभागीय कार्रवाई औरंगाबाद (नगर) : एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. एसडीओ ने सबसे पहले यक्ष्मा विभाग में औचक निरीक्षण किया. जब विभाग में पदस्थापित पदाधिकारियों व कर्मचारियों के बारे में पूछा तो उपस्थित लोगों ने बताया कि सभी लोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 8:58 AM
कहा, स्पष्टीकरण पूछ कर की जायेगी विभागीय कार्रवाई
औरंगाबाद (नगर) : एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. एसडीओ ने सबसे पहले यक्ष्मा विभाग में औचक निरीक्षण किया. जब विभाग में पदस्थापित पदाधिकारियों व कर्मचारियों के बारे में पूछा तो उपस्थित लोगों ने बताया कि सभी लोग ड्यूटी पर कार्यरत हैं. जब उपस्थिति पंजी देख कर लोगों के बारे में पूछताछ की तो कई कर्मचारी गायब मिले.
एसडीओ ने बताया कि निरीक्षण के क्रम में डॉ मुकेश कुमार, एसटीएलएस सुधीर कुमार, प्रयोगशाला सेवक देवराज यादव व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी रामविलास सिंह नहीं थे. इस पर एसडीओ ने कहा कि जो लोग गायब हैं उनसे स्पष्टीकरण पूछते हुए विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
हालांकि, कर्मचारियों ने बताया कि डाॅ ईश्वर प्रसाद साह डीएम की मीटिंग में गये हुए हैं. इसके बाद एसडीओ सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कक्ष में गये और चिकित्सकों व कर्मचारियों की लिस्ट की मांग की. इसके बाद उपस्थिति पंजी की जांच की. इस दौरान पाया कि विकास कुमार 10 जनवरी से गायब हैं. शुक्रवार को जेनरल ओपीडी में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक डाॅ सुनील कुमार की ड्यूटी थी. लेकिन, वे ड्यूटी से गायब थे. उनके जगह पर डाॅ कुमार महेंद्र प्रताप ड्यूटी कर रहे थे. इसके अलावा एएनएम मीना कुमारी व रेवा कुमारी की हाजिरी नहीं बनी थी. जब सिजेरियन के बारे में उपाधीक्षक से पूछा गया तो उपाधीक्षक ने बताया कि चिकित्सकों की कमी है. इसके कारण महीना में तीन से चार सिजेरियन होता है.
एसडीओ ने उपाधीक्षक से यह भी पूछा कि जब आप छुट्टी पर जाते हैं तो जिला छोड़ने की अनुमति क्यों नहीं वरीय पदाधिकारियों को देते हैं. उपाधीक्षक ने कहा कि इसकी सूचना सिविल सर्जन को दी जाती है. विकास कुमार जो हड्डी के चिकित्सक हैं मेरी अनुमति से नहीं गये हैं. इस पर एसडीओ ने कहा कि रिपोर्ट क्यों नहीं किये. एसडीओ ने कहा कि आपसी समन्वय बनाकर काम करें.
सदर अस्पताल की स्थिति काफी विचित्र होते जा रही है. दवा की घोर कमी है. यहां तो सिर्फ मरीजों को रेफर किया जाता है. इसमें सुधार लायें, नहीं तो संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी. निरीक्षण के क्रम में यह भी बात सामने आयी कि सदर अस्पताल में आठ चिकित्सक हैं, जिनमें तीन चिकित्सक छुट्टी पर हैं. यानी कि पांच चिकित्सकों के भरोसे सदर अस्पताल चलाया जा रहा है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर किस तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता होगा.

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