पूर्ण शराब बंदी पर मुख्यमंत्री का होगा सीधा प्रसार
पूर्ण शराब बंदी पर मुख्यमंत्री का होगा सीधा प्रसार21 जनवरी को नगर भवन में कर्मचारी व पदाधिकारी को देंगे मार्गदर्शन फोटो सहित, परिचय- बैठक करते डीएम कंवल तनुजऔरंगाबाद कार्यालय.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 21 जनवरी को पूर्ण मद्य निषेध निति को जन आंदोलन के रूप में परिवर्तित करने के लिए कार्यक्रम की शुरूआत कृष्ण मेमोरियल हाॅल […]
पूर्ण शराब बंदी पर मुख्यमंत्री का होगा सीधा प्रसार21 जनवरी को नगर भवन में कर्मचारी व पदाधिकारी को देंगे मार्गदर्शन फोटो सहित, परिचय- बैठक करते डीएम कंवल तनुजऔरंगाबाद कार्यालय.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 21 जनवरी को पूर्ण मद्य निषेध निति को जन आंदोलन के रूप में परिवर्तित करने के लिए कार्यक्रम की शुरूआत कृष्ण मेमोरियल हाॅल पटना से किया जायेगा. इसका सीधा प्रसारण बेवकास्टिंग से औरंगाबाद नगर भवन में होगा. जानकारी देते हुए जिलाधिकारी कंवल तनुज ने बताया कि इस कार्यक्रम में जिले के साक्षरता, जीविका, आंगनबाड़ी कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित रहेंगे, जो इसका सीधा प्रसारण देखेंगे. इसमें संबंधित विभाग के पदाधिकारी भी होंगे. कार्यक्रम की शुरूआत दो बजे से होगी. मुख्यमंत्री का प्रसारण तीन बजे से चार बजे तक होगा. इसके बाद मैं और एसपी भी मद्य निषेध पर मार्गदर्शन देंगे. उसी दिन जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में उपस्थित व्यक्तियों द्वारा मद्य निषेध से संबंधित शपथ ग्रहण भी कराया जायेगा. उत्पाद अधीक्षक द्वारा मद्य निषेध से संबंधित सरकार की अधिसूचना व नीति की जानकारी दी जायेगी. डीएम ने बताया कि पूर्ण शराब बंदी के लिए चलाये जानेवाले जन आंदोलन के लिए नोडल अफसर डीपीओ राजेश कुमार को बनाया गया है. इसमें सेविका, सहायिका,जीविका और ग्रामसेवकों द्वारा एक सर्वे कराया जायेगा, जिसमें वैसे लोगों को चिह्नित किया जायेगा, जो अत्यधिक शराब पीते हैं. शराब की लत से लाचार हो चुके हैं. शराब के बिना वे चैन से जी नहीं सकते. सर्वे का कार्य 30 जनवरी तक पूरा करना है. सर्वे में जो लोग चिह्नित किये जायेंगे उनका नाम गुप्त रखा जायेगा. नशामुक्ति केंद्र में रखने की होगी व्यवस्था : अत्यधिक शराब पीनेवाले का सर्वे कर चिह्नित किये जाने के बाद उन्हें शराब की आदत को छुड़ाने के लिए सरकार ने नशामुक्ति केंद्र खोलने की योजना बनायी है. इसके लिए एनजीओ का जिम्मेवारी सौंपी जायेगी. नशा मुक्ति केंद्र में सुरक्षा व्यवस्था, बेड, इलाज के साथ बेहतर खाने-पीने की व्यवस्था भी होगी. डीएम ने बताया कि एक आंकड़े के अनुसार 100 शराब पीने वाले लोगों में 10 लोग ऐसे होते हैं जो शराब में अपनी जिंदगी को डूबा देते और फिर वे शराब की आदत से लाचार हो जाते हैं.