अस्पतालों में प्रसव को लेकर पदाधिकारी नहीं ले रहे रुचि

औरंगाबाद (नगर) : सरकार व विभाग सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने पर विशेष जोर दे रही है. अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक प्रसव कराने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है, ताकि गरीब परिवार के मरीजों को निजी क्लिनिक में जाने की जरूरत नहीं पड़े और नहीं उन्हें आर्थिक रूप से शोषण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2016 8:07 AM
औरंगाबाद (नगर) : सरकार व विभाग सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने पर विशेष जोर दे रही है. अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक प्रसव कराने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है, ताकि गरीब परिवार के मरीजों को निजी क्लिनिक में जाने की जरूरत नहीं पड़े और नहीं उन्हें आर्थिक रूप से शोषण का शिकार होना पड़े.
लेकिन जिले के सरकारी चिकित्सालयों की हालात यह है कि सदर अस्पताल को छोड़ कर अन्य किसी अस्पतालों में लक्ष्य के अनुसार महिलाओं का प्रसव नहीं हो पा रहा है. इसके पीछे के कारण यह है कि स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी इस काम में रुचि नहीं ले पा रहे हैं. औरंगाबाद सदर प्रखंड प्रखंड में नवंबर तक 3112 प्रसव कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें 208 महिलाओं का ही प्रसव हुआ.
इसी तरह सदर अस्पताल में 1984 प्रसव कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, इसके एवज में दोगुणा 4881 प्रसव हुआ. इसके अलावे बारुण प्रखंड में 3704 प्रसव का लक्ष्य था, जिसमें 1152, दाउदनगर प्रखंड में 3840 के जगह 1581, देव प्रखंड में 3160 के जगह 1376, गोह प्रखंड में 4240 के जगह 2001, हसपुरा प्रखंड में 2888 के जगह 1918, कुटुंबा में 4200 के जगह 2148, मदनपुर प्रखंड में 3808 के जगह 1735, नवीनगर प्रखंड में 5584 के जगह 1652, ओबरा प्रखंड में 4104 के जगह 1638 व रफीगंज प्रखंड में 5512 के जगह 2376 प्रसव कराया गया है, जो लक्ष्य से काफी कम है.

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