पानी के लिए मचा हाहाकार

लंबी कतार में खड़े होकर पानी ले रहे लोग महिलाओं ने सरकारी महकमे के प्रति जताया आक्रोश औरंगाबाद(ग्रामीण) : गरमी का मौसम अभी दस्तक भी नहीं दिया है कि पेयजल समस्या उत्पन्न होने लगी है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी पेयजल संकट गहराने लगा है. शहर के पठान टोली, बराटपुर, टिकरी मुहल्ला में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2016 1:38 AM
लंबी कतार में खड़े होकर पानी ले रहे लोग
महिलाओं ने सरकारी महकमे के प्रति जताया आक्रोश
औरंगाबाद(ग्रामीण) : गरमी का मौसम अभी दस्तक भी नहीं दिया है कि पेयजल समस्या उत्पन्न होने लगी है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी पेयजल संकट गहराने लगा है. शहर के पठान टोली, बराटपुर, टिकरी मुहल्ला में अक्सर पेयजल समस्या से लोग जूझते नजर आते हैं. ठंड के मौसम में उन्हें राहत जरूर मिलती हैं. लेकिन, जैसे ही गरमी दस्तक देने लगती है वैसे ही परेशानियों को लेकर चिंतित होने लगते हैं. ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट बहुत कम ही देखा गया है.
लेकिन, शहर से सटे इलाके अभी से ही प्रभावित होने लगे हैं. औरंगाबाद शहर से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर बसे हजारों की आबादीवाला कुंडा गांव अभी से ही पेयजल समस्या से जुझने लगा है. गांव की महिलाओं व पुरुषों को पानी के लिए बाल्टी व अन्य बरतन लेकर कतार में खड़े देखकर महसूस होता है कि अभी जब यह स्थिति है तो गरमी के मौसम में क्या होगा. गांव में कई टोले हैं, जिसके अधिकांश चापाकल सूखने के कगार पर खड़े हैं, कई चापाकलों ने तो पानी देना ही बंद कर दिया है. ऐसे में परेशानी और अधिक होने लगी है. कुएं और तालाब भी सूखने के कगार पर हैं. सुबह से ही पानी के लिए हहाकार मच जाता है. गांव में ही एक दो व्यक्तियों द्वारा दर्जनों लोगों को पानी दिया जाता है. वह भी बिजली रहने के दौरान ही. एक-एक चापाकल पर दर्जनो की भीड़ लगी रहती है.
कभी-कभी तो लोग पानी के लिए गांव से कुछ दूर पर बधार में लगे मोटर पंप के पास पहुंचते हैं और कतार में खड़े होकर पानी भरने के बाद सिर पर बाल्टी लिये हुए घर पर पहुंचते हैं. यह स्थिति पिछले एक माह से बनी हुई है. सोमवार को जब प्रभात खबर प्रतिनिधि की नजर पानी के लिए लगी लंबी कतार पर पड़ी और इसका कारण पूछा तो लोगों ने पहले तो अपनी किस्मत को कोसा फिर जनप्रतिनिधियों व सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी. देखते-देखते गांव के दर्जनों लोगों की भीड़ लग गयी. मीडिया के सामने ग्रामीणों ने सरकारी महकमे के विरुद्ध आक्रोश का इजहार किया और कहा कि सिर्फ इस राज्य व इस जिले में वोट की राजनीति होती है. वोट के लिए नेता ख्याली पुलाव पकाते हैं और जब उनका काम हो जाता है तो जनता का पुराने हाल में ही छोड़ देते हैं. इसी दौरान गांव के ही
समाजसेवी दुर्गेश सिंह पहुंचे और लोगों की समस्या को दूर कराने के लिए अधिकारियों से मिलने की बात कही. दुर्गेश सिंह ने कहा कि इस गांव का क्षेत्रफल काफी बड़ा है. गांव की आबादी लगभग तीन हजार के करीब है. पर इस समस्या पर न तो जनप्रतिधियों का ध्यान है और न ही अधिकारियों का. दिन भर मजदूरी करनेवाले लोग आज पेयजल के अभाव में समय से खाना नहीं पकने के कारण अपने काम पर देर से जाते हैं. दुर्गेश ने बताया कि गांव के रविदास टोला, रजक टोला, मेहता टोला, महावीर बिगहा टोला सहित पूरे गांव में दर्जनो चापाकल लगे हैं पर अधिकांश चापाकलो से पानी निकलना बंद हो गया है.

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