सदर अस्पताल की गुल रही बत्ती

बदहाली . मरीज को देखने के दौरान बिजली कटने पर सोलर सिस्टम फेल जिले के मॉडल अस्पताल (सदर अस्पताल) में रात में बिजली नहीं रहने पर डाक्टरों द्वारा टॉर्च या लैंप की रोशनी में भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. अस्पताल में लगाया गया सोलर सिस्टम पूरी फेल हो गया है़ इलाज के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2016 8:22 AM
बदहाली . मरीज को देखने के दौरान बिजली कटने पर सोलर सिस्टम फेल
जिले के मॉडल अस्पताल (सदर अस्पताल) में रात में बिजली नहीं रहने पर डाक्टरों द्वारा टॉर्च या लैंप की रोशनी में भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. अस्पताल में लगाया गया सोलर सिस्टम पूरी फेल हो गया है़ इलाज के दौरान बिजली गुल होने पर मरीजों को थोड़ा धैर्य रखना होगा.
औरंगाबाद ग्रामीण : रानी जीटी रोड से जैसे ही सदर अस्पताल परिसर में घुसते हैं, वैसे ही इसका चकाचक भवन दिखायी पड़ता है. भवन पर मॉडल अस्पताल का लगा बोर्ड मरीजों का स्वागत करता दिखता है, लेकिन जैसे ही यहां भरती मरीजों व उनके परिजनों से रू-ब-रू होंगे, तो आप माथा पीट लेंगे. क्योंकि यहां तो न सही से ढंग का इलाज होता है और न कोई व्यवस्था है.
सिर्फ साफ-सफाई के दम पर इस अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा मिल गया, जो समझ से परे है. चिकित्सकों की कमी पहले ही मुंह बाये खड़ी है.
अस्पताल भवन पर लगी सोलर लाइटें बिजली रहने पर खूब रोशनी देती हैं, लेकिन इसके पीछे हकीकत कुछ और है. जब अस्पताल में लगे सोलर सिस्टम का लाभ लेने की बारी आती है, तो वह फेल हो जाता है. पिछले एक सप्ताह से सदर अस्पताल में बिजली जाने के बाद अंधेरा पसर जा रहा है. शुक्र है शहर में बेहतर विद्युत व्यवस्था की, जो अस्पताल की इज्जत बचा रहा है.
अंधेरा होने पर लोगों ने किया हंगामा
मंगलवार की रात अंबा थाना क्षेत्र के एरका कॉलोनी के पास लूटपाट के दौरान अपराधियों के गोली का शिकार हुए मीर हसन अंसारी को जख्मी समझ कर चचेरे भाई मोहम्मद जलील व कुछ लोग उन्हें लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. उस वक्त अस्पताल में बिजली नहीं थी. सोलर सिस्टम भी फेल था. लगभग 40 मिनट तक अस्पताल में अंधेरा छाया हुआ था. इस कुव्यवस्था से लोग नाराज हो गये.
घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे लोगों ने अस्पताल की व्यवस्था की जम कर आलोचना की. लैंप की रोशनी में मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर अशोक दूबे को लोगों को भला बुरा कहा. जितनी देर तक बिजली गुल रही, उतनी देर तक लोग हंगामा करते रहे. एसडीपीओ पीएन साहू, नगर थानाध्यक्ष एसके सुमन के साथ अन्य पुलिस पदाधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुआ. लेकिन, सोलर सिस्टम ने मॉडल अस्पताल की पोल खोल दी.
लगभग एक करोड़ की लागत से अस्पताल में लगा है सोलर सिस्टम
आउटसोर्सिंग से जेनेरेटर की व्यवस्था हटाये जाने के बाद लगाया गया सोलर सिस्टम लगातार धोखा दे रहा है.25 अप्रैल, 2015 को प्रिमियर सोलर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा 25 किलो वाट पावर का सोलर सिस्टम स्थापित किया गया था. मुख्यमंत्री नवीन व नवीकरणीय योजना के तहत बिहार रेन्यूवल इनर्जी डेवपलमेंट एजेंसी द्वारा इसका क्रियान्वयन किया गया था.
पता चला है कि सदर अस्पताल में सोलर सिस्टम पर लगभग एक करोड़ रुपये खर्च किये गये थे. यह भी जानकारी मिली कि बिजली विभाग द्वारा सदर अस्पताल का विद्युत लोड 59 केवीए निर्धारित किया गया है. ऐसे में 25 केवीए का सोलर सिस्टम कितना कारगर होगा.

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