ऋण के पैसों का करें सदुपयोग

मध्य बिहार ग्रामीण बैंक ने मेगा ऋण शिविर में बांटे 2.25 करोड़ औरंगाबाद (कोर्ट) : मध्य बिहार ग्रामीण बैंक द्वारा सोमवार को वित्तीय समावेशन व स्वयं सहायता समूहों का वित्त पोषण कार्यक्रम के तहत आयोजित मेगा ऋण शिविर में महिला विकास निगम को दो करोड़ 25 लाख रुपये ऋण दिये गये. इस मेगा ऋण शिविर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2013 7:16 AM

मध्य बिहार ग्रामीण बैंक ने मेगा ऋण शिविर में बांटे 2.25 करोड़

औरंगाबाद (कोर्ट) : मध्य बिहार ग्रामीण बैंक द्वारा सोमवार को वित्तीय समावेशन व स्वयं सहायता समूहों का वित्त पोषण कार्यक्रम के तहत आयोजित मेगा ऋण शिविर में महिला विकास निगम को दो करोड़ 25 लाख रुपये ऋण दिये गये. इस मेगा ऋण शिविर का उद्घाटन जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने दीप जला कर किया.

जिला परिषद् के सभागार में आयोजित शिविर में मध्य बिहार ग्रामीण बैंक की विभिन्न शाखाओं द्वारा कुल 450 स्वयं सहायता समूहों को ऋण का लाभ दिया गया. शिविर में उपस्थित महिलाओं व अन्य लोगों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिस रणनीति व सोच के साथ महिला विकास निगम के तहत स्वयं सहायता समूहों बनाये गये थे, समूह खरा उतर रहा है.

उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों से कहा कि बैंक से लिए गये ऋण का प्रयोग इस तरह से करें कि उस राशि में बढ़ोतरी हो. ऋण की राशि का हमेशा सदुपयोग करें. उन्होंने कहा कि समूहों का जब भी क्षेत्र में बैठक हो, वहां कोशिश हो कि विकास की ज्यादा से ज्यादा बातें हों. क्षेत्र में कहीं कोई समस्या हो तो उस पर विचार क रें व उसे दूर करने की कोशिश करें.

बैठक में महिलाओं के हक व अधिकारों की चर्चा होनी चाहिए. महिलाओं के लिए बनीं कानूनों की जानकारी भी बैठक के माध्यम से दें.

स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं में जागरूकता आसानी से आयी जा सकती है. चेयरमैन संजय शरण ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को ऋण देने में बैंक हमेशा तत्परता दिखाती है. इसमें जिन समूहों ने अच्छा काम किये हैं उन्हें दोगुना ऋण दी जायेगी. अधिकतम पांच लाख रुपये तक ऋण, बेहतर काम के बदौलत ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में सामाजिक व आर्थिक उन्नति अति आवश्यक है.

महिलाएं समूह के माध्यम से ऋण लें, उसका सदुपयोग करें और आगे बढ़ें. इस मौके पर रिजनल मैनेजर पीके पांडेय, महिला विकास निगम के डायरेक्टर एजाज अहमद, महिला विकास पदाधिकारी विनय कुमार सिंह, नाबार्ड के डीडीएम संजय कुमार, वरीय उप समाहर्ता संजय कुमार, राजकिशोर सिंह चौहान, मुखिया अनिल कुमार यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

जिले में 5050 स्वयं सहायता समूह

वर्ष 2002 में महिला विकास निगम द्वारा जिले में स्वयं सहायता समूह गठित कर महिलाओं को इससे जोड़ा गया था. फिलहाल जिले में 5050 स्वयं सहायता समूह काम कर रही है. इसके माध्यम से सैंकड़ों महिलाएं आज सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं.

इसकी झलक मेगा ऋण शिविर में उपस्थित सैंकड़ों की तादाद में महिलाओं की हाव-भाव से दिख रहे थे. देव, ओबरा, रफीगंज, मदनपुर व बारुण प्रखंडों में लगभग 46 लाख रुपये की लागत से लघु कार्य योजना के तहत महिलाएं काम कर रही हैं. पूरे जिले के सभी स्वयं सहायता समूहों में से लगभग चार हजार समूहों का बैंक खाता है. बाकी समूहों के भी बैंक खाता जल्द ही खोले जायेंगे.

घर के रसोई से बाहर निकल इन समूहों के माध्यम से महिलाएं पुरुष प्रधान समाज के सामने सशक्त रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. स्वयं सहायता समूह ओबरा की संगीता देवी व नीलम देवी आदि ने बताया कि महिलाएं आज बढ़-चढ़ कर इस समूहों की हिस्सा हैं. इन समूहों के माध्यम से महिलाएं खुद इससे जुड़ कर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं.

समूहों द्वारा स्वास्थ्य संबंधी व कई अन्य तरह की योजनाएं भी चलायी जाती है. कुपोषित बच्चों के लिए योजनाएं चलायी जा रही है. छोटी दुकान, मुरगी पालन, खेती आदि कर महिलाएं अपने पैरों पर खड़ा हो रही हैं.

Next Article

Exit mobile version