नयी दिशा, नये विचार

नयी उमंग के साथ नया साल मानने की बनायी योजना औरंगाबाद (कोर्ट) : नयी दिशा, नये विचार के साथ नववर्ष 2014 का खुला द्वार है. जीवन बगिया सा महके. तितली सा चहके. सोपान पर मिले सफलता. इसी आशा के साथ बुधवार की सुबह नया साल प्रारंभ करने की योजना सभी लोगों ने बना ली है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2014 6:37 AM

नयी उमंग के साथ नया साल मानने की बनायी योजना

औरंगाबाद (कोर्ट) : नयी दिशा, नये विचार के साथ नववर्ष 2014 का खुला द्वार है. जीवन बगिया सा महके. तितली सा चहके. सोपान पर मिले सफलता. इसी आशा के साथ बुधवार की सुबह नया साल प्रारंभ करने की योजना सभी लोगों ने बना ली है.

लोग नया साल मनाने के लिए जिले के विभिन्न पिकनिक स्थलों पर जाने व मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए, कोई परिवार के साथ तो कोई दोस्तों के साथ की है. लेकिन औरंगाबाद जिला मुख्यालय में एक भी पार्क नहीं होने से लोगों में मायूसी है. फिर भी जिले के विभिन्न पहाड़ों, नदियों व अन्य स्थानों पर जाकर पिकनिक नये साल में मनायेंगे. जिला मुख्यालय में पार्क के नाम पर मात्र एक राजेंद्र बाल उद्यान है. इस बाल उद्यान में चंद लोगों की बैठने की व्यवस्था है.

लेकिन नव वर्ष में खुशियां मनाने के लिए सैंकड़ों लोग यहां पहुंचते हैं. एक छोटे पार्क में इतनी भीड़ होती है कि तिल रखने की भी जगह नहीं होती. हालांकि जिला मुख्यालय से बाहर एक से एक बेहतर पिकनिक स्थल हैं पूरे परिवार के साथ नये साल का जश्न मनाया जा सकता है. जिले के महत्वपूर्ण पिकनिक स्थलों में शुमार मदनपुर का उमगा पहाड़ हमेशा ही पौराणिक रहस्यों के कारण आकर्षण का केंद्र रहा है.

एनएच दो से सटे इस उमगा पहाड़ पर एक जनवरी को काफी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. हाल के दिनों में इस पहाड़ की ख्याति भी काफी बढ़ी है.

इसी तरह जिला मुख्यालय से 12 किमी की दूरी पर स्थित देव सूर्य मंदिर में भी लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते है. पूजा स्थलों में बेहद पवित्र माने जाने वाले इस मंदिर में रोजाना काफी श्रद्धालु पहुंचते हैं.

पर, एक जनवरी जैसे खास मौकों पर श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में हो जाती है. यहां सूर्य कुंड व रानी तालाब भी लोगों को आकर्षित करते हैं. नए वर्ष के अवसर पर हरे-भरे इलाकों को निहारने की इच्छा रखने वाले लोग जिला मुख्यालय से बेहद कम दूरी पर स्थित पवई पहाड़ पर भी जा सकते हैं. यहां पहाड़ की खूबसूरती व पहाड़ की ऊंचाइयों पर से आसपास के क्षेत्रों का नजारा देखने का अनुभव ही कुछ अलग है.

यहां लोगों का आकर्षण का केंद्र वह पत्थर भी रहता है, जिससे धात्विक ध्वनि निकलती है. सालों से यह पत्थर यहीं पड़ा हुआ है. यहां से गुजरने वाले लोग इस पत्थर पर एक पत्थर मार कर ध्वनि जरूर सुनते हैं. इसके अलावा भी एनएच 139 पर दोमुहान पुल के समीप, नवीनगर के गजना धाम, ओबरा के दोमुहान बढ़इया बिगहा, देवकुंड, भृगु धाम, रफीगंज का पचार पहाड़ी समेत कई ऐसे स्थल हैं.

यहां घूमने के लिहाज से काफी अच्छा है. सोन तटवर्ती इलाका भी मस्ती करने लायक अच्छी जगह है. रायपुरा गांव के सत्यचंडी स्थान व उसके समीप स्थित पहाड़ पर भी लोग पूरे दिन मस्ती करते हैं.

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