बिहार : औरंगाबाद में नक्सल गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पंचायत समिति का सदस्य गिरफ्तार

औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिले में पौथू थाना छेत्र के भारतीपुर गांव निवासी एवं पौथू पंचायत के पंचायत समिति सदस्य शंभू यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. थानाप्रभारी अरविंद कुमार ने बताया की लछुमन कंस्ट्रक्शन के द्वारा मझौली गांव के पास नदी पर पूल का काम चल रहा था. लगभगएक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2016 6:28 PM

औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिले में पौथू थाना छेत्र के भारतीपुर गांव निवासी एवं पौथू पंचायत के पंचायत समिति सदस्य शंभू यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. थानाप्रभारी अरविंद कुमार ने बताया की लछुमन कंस्ट्रक्शन के द्वारा मझौली गांव के पास नदी पर पूल का काम चल रहा था. लगभगएक माह पूर्वजेसीबी मशीन जलाने एवं लेवी मांगने का काम नक्सली द्वारा किया गया था. कंपनी के सुपरवाइजर शंभू कुमार प्रजापति के द्वारा इस मामले में पौथू थाना कांड सनखेया 14/16 दर्ज किया गया था. अनुसंधान के दौरान शंभू यादव का नाम सामने आया.

उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच सहित कई तरह से अनुसंधानकिया गया. जिसमें गिरफ्तार व्यक्ति की संलिप्त पायी गयी. इस मामले में और भी अनुसंधानकिया जा रहा है.

वहीं, इस मामले पर जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के प्रदेश प्रवक्ता श्याम सुंदर यादव ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि औरंगाबाद पुलिस दलित व पिछड़ों को राजनीतिक दबाव में आकर नक्सली कांडों में फंसा रही है. ताजा मामला पंचायत समिति सदस्य शंभु यादव से जुड़ा है. गोह पुलिस जदयू के एक नेता के दबाव में आकर भारतीपुर निवासी शंभु यादव को गिरफ्तार की है. जबकि गिरफ्तारी के समय शंभु पौथू थाने में बैठे थे. उन्होंने कहा कि इसकी जांच करायी जा सकती है. क्या कोई नक्सली किसी थाने में आम जनता की सिफारिश करने जा सकता है?

यही नहीं शंभु की गिरफ्तारी कल सुबह के समय पुलिस ने की है. बावजूद इसके अबतक उसे कोर्ट में पेश नहीं किया गया. गोह थाने में रातभर शंभु को प्रताड़ित किया गया. बताते चले कि शंभु यादव पौथू पंचायत के तेजतर्रार पंचायत समिति सदस्य रहे हैं. इस बार इनकी पत्नी मुखिया प्रत्याशी हैं और भारी वोट से जीत रही है. इसके पहले जिला परिषद सदस्य रहे नंदलाल यादव भी राजनीतिक साजिश के शिकार हुए और गोह के एमवीएल कंपनी कांड में फंसा दिये गये.

हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आये हैं. इसके कुछ समय पहले जिला परिषद के चुनाव लड़ चुके देवीलाल यादव भी नक्सली कांड में फंसाये गये हैं. मुझे आशंका है कि आगे भी राजनीतिक साजिश के शिकार दलित-पिछड़े होते रहेंगे. सरकार गंभीर कांडों की जांच करा ले. शंभु यादव जैसे साफ-सुथरे राजनीतिक कार्यकर्ता को अविलंब मुकदमे वापस लिए जायें. जन अधिकार पार्टी दबाव में काम करने वाली पुलिस के खिलाफ पंचायत सरकार गठन होने के बाद आंदोलन करेगी.

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