नक्सली कमांडर नितेश ने सड़क में लगवाया था बम
सतर्कता. टंडवा बम ब्लास्ट में संलिप्त नक्सलियों ने किये कई खुलासे तीन दिसंबर, 2013 को हुए बम ब्लास्ट में शहीद हुए टंडवा थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी औरंगाबाद (नगर) : तीन दिसंबर, 2013 को टंडवा बम ब्लास्ट में शामिल नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस जीप उड़ाने के मामले में पुलिस ने जिन […]
सतर्कता. टंडवा बम ब्लास्ट में संलिप्त नक्सलियों ने किये कई खुलासे
तीन दिसंबर, 2013 को हुए बम ब्लास्ट में शहीद हुए टंडवा थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी
औरंगाबाद (नगर) : तीन दिसंबर, 2013 को टंडवा बम ब्लास्ट में शामिल नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस जीप उड़ाने के मामले में पुलिस ने जिन तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया है, उन नक्सलियों ने घटना के बारे में पुलिस के सामने कई अहम खुलासे किये हैं. शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने प्रेसवार्ता कर बताया कि तीन दिसंबर, 2013 को नवीनगर के टंडवा में नक्सलियों ने लैंडमाइंस लगा कर पुलिस जीप को उड़ा दिया था.
उस दौरान टंडवा थानाध्यक्ष अजय कुमार नवीनगर से क्राइम मीटिंग करने के बाद पुलिस जीप से टंडवा लौट रहे थे. इसी बीच नक्सलियों ने पुलिस जीप पर निशाना साधते हुए नवीनगर टंडवा रोड में बम लगा कर पुलिस जीप को उड़ा दिया था. उस घटना में टंडवा थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिस जवान मारे गये थे. एसपी ने बताया कि बम बलास्ट की घटना में राजु नट उर्फ राजू जी निवासी रधुनाथपुर थाना नवीनगर, जितेंद्र रिकियासन उर्फ गोरा उर्फ जितेंद्र जज व विजय यादव की भूमिका महत्वपूर्ण थी.
पुलिस ने इन तीनों नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी . पुलिस को सूचना मिली की राजू नट पंजाब के चंडीगढ़ में काम कर रहा है. सूचना के आधार पर नवीनगर थाने की पुलिस चंडीगढ़ पहुंची व वहां के पुलिस के सहयोग से एक फैक्टरी से गिरफ्तार किया. राजू नट की निशानदेही पर जितेंद्र व विकास को 16 जून को मदनपुर थाना क्षेत्र के सहियार गांव से पकड़ा गया था. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बम ब्लास्ट के दौरान राजू नट व जितेंद्र रिकियासन ने ही बम ब्लास्ट किया.
12 साल की उम्र में ही राजू बन गया था नक्सली
एसपी बाबू राम ने कहा कि जिस बम को को लगा कर पुलिस जीप उड़ाया गया था, उसमें नक्सली कमांडर नितेश ने ही लगवाया था. जैसा कि गिरफ्तार नक्सलियों ने अपनी स्वीकारोक्ति में कहा है. एसपी ने बताया कि राजू नट 12 वर्ष की उम्र से नक्सली दस्ता में चल गया था. वह इंसास राइफल रखता था. वहीं, जितेंद्र रिकियासन पुलिस राइफल रखता था. घटना के 15 दिन पहले कोठिला जंगल में नितेश ने एक बैठक बुलायी थी, जिसमें नक्सली कमाडंर संदीप भी शामिल हुआ था. उस मीटिंग में ही बम लगा कर पुलिस बलों को उड़ा कर मारने व हथियार लूटने की योजना बनायी गयी थी.
लगातार करते थे रेकी
जंगल में मीटिंग होने के बाद नक्सलियों ने रात में नवीनगर-टंडवा रोड में दो सिलिंडर बम लया दिया था. उस दौरान करमा गांव से नक्सलियों के लिए खाना बन कर आया हुआ था. बम लगा दिये जाने के बाद नक्सली लगातार पुलिस के आने-जाने की सूचना लेते रहते थे. बम ब्लास्ट करने की जिम्मेवारी राजू नट व जितेंद्र रिकियासन को दिया गया था.
पुलिस की हर गतिविधि की सूचना देने की जिम्मेवारी बसारत मियां व उमेश राम को दी गयी थी. नवीगनर-टंडवा रोड में बम लगा दिये जाने के बाद नक्सलियों ने पुलिस की हर गतिविधि की जानकारी देने की जिमा महसु गांव निवासी बसारत मियां व टंडवा मोड़ पर गुमटी चलाने वाला उमेश राम को दिया था, जिसके संपर्क में राजू नट रहता था. तीन दिसंबर, 13 को चार बजे शाम में राजू नट को नवीनगर थाने से टंडवा पुलिस की जीप से जाने की सूचना मिली.
इस पर राजू नट व जितेंद्र रिकियासन घात लगा कर बैठ गये व जैसे ही टंडवा थाने की पुलिस जीप वहां पहुंची वैसे ही दोनों नक्सलियों ने कैमरा फ्लैस का ट्रिगर दबा दिया, जिससे बम बलास्ट हो गया व पुलिस जीप उड़ गयी. इस घटना में टंडवा थानाध्यक्ष अजय कुमार सहित आठ जवान मारे गये. घटना के बाद राजू नट ने इसकी जानकारी नक्सली कमांडर नीतेश को दिया और गाड़ी से जल्दी ले जाने की बात कहीं. इस पर नीतेश के कहने पर फिरोज, उमेश व बसारत मियां मोटरसाइकिल लेकर आये व राजू नट को बैठा कर सुल्तानी घाटी बस स्टैंड के पास पहुंचा दिया. वहां नीतेश ने एक आदमी को भेजा और राजू नट को छतरपुर थाने के देवताही
गांव में विजय यादव के घर छोड़ दिया. नीतेश के आदेश पर विजय यादव ने राजू नट को अपने घर में छुपा कर रखा व खाना खिलाया और फिर नीतेश जी से संपर्क कर जंगल में पहुंचा दिया. एसपी ने कहा कि इन तीनों ने पुलिस के सामने जो खुलासा किया है. उसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.
साथ ही तीनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया. इन तीनों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलायी जायेगी.