बिजलीघर का काम भी रहा ठप
औरंगाबाद शहर में सामान्य रही स्थिति बंद रहे अधिकतर व्यावसायिक प्रतिष्ठान औरंगाबाद/अंबा : पुलिस ज्यादती के विरोध में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के मगध बंद का असर पूरे जिले में देखने को मिला. हालांकि, जिला मुख्यालय में बंदी का असर न के बराबर रहा. लेकिन, कई प्रखंड पूरी तरह प्रभावित रहे. मदनपुर, देव व नवीनगर […]
औरंगाबाद शहर में सामान्य रही स्थिति
बंद रहे अधिकतर व्यावसायिक प्रतिष्ठान
औरंगाबाद/अंबा : पुलिस ज्यादती के विरोध में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के मगध बंद का असर पूरे जिले में देखने को मिला. हालांकि, जिला मुख्यालय में बंदी का असर न के बराबर रहा. लेकिन, कई प्रखंड पूरी तरह प्रभावित रहे. मदनपुर, देव व नवीनगर में व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहीं व वाहनों का परिचालन भी बाधित रहा. मदनपुर के जुड़ाही बाजार, नवीनगर के बैरिया, माली व बरियांवा सहित सभी बाजार बंद रहे. बिजली परियोजना का भी काम ठप रहा.
देव प्रखंड मुख्यालय व बालूगंज, चटटी, जीवा बिगहा बाजार पूरी तरह प्रभावित रहा. सरकारी बैंकों में भी ताले लटके रहे. जिला मुख्यालय से लंबी दूरी की यात्री बसें नहीं चलीं. यात्री बसों का इंतजार करते हुए दिखे. हालांकि, माओवादी बंदी की सूचना अधिकतर लोगों को हो गयी थी, लेकिन जिन्हें बंदी की जानकारी नहीं थी, वह वाहन के इंतजार में भटकते नजर आये.
इधर, माओवादी के एकदिवसीय बंदी के दौरान शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय अंबा समेत कुटुंबा, महराजगंज, देवरीया व संडा सभी बाजारों में बंदी का असर दिखा. शैक्षणिक संस्थान व दवा दुकानें को छोड़ कर सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बिल्कुल बंद रहे. बैंक व अन्य सरकारी कार्यालयों में भी इसका असर देखा गया. बैंककर्मी बाहर से सटर गिराकर कार्यालय से जुड़े काम करते रहे. इससे ग्राहकों को काफी परेशानी हुई. ग्राहक बैंक तक पहुंचे, पर शटर गिरा देख वापस लौट गये. सरकारी कार्यालय में भी लोगों की आवाजाही काफी कम दिखी. यात्री वाहन नहीं चलने से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. इक्के-दूक्के यात्री सड़क पर नजर आये. बंदी में ऑटो चालकों की चांदी रही.
आर्द्रा मेले में भी रहा सन्नाटा
माओवादी बंदी के कारण सतबहिनी स्थान के पास लगे आर्द्रा मेले में भी सन्नाटा पसरा रहा. झुला, सर्कस व अन्य मनोरंजक गतिविधियां बंद रही. मेले में आये बाहरी व्यवसायियों को इससे भारी नुकसान उठाना पड़ा.