तेज रफ्तार बनी हादसे का कारण
औरंगाबाद (ग्रामीण) : गोह-रफीगंज मुख्य मार्ग पर भाम और नयकी गांव के समीप हुई बस दुर्घटना में दो यात्रियों की मौत हो गयी, जबकि 30 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये. घटना के पीछे का कारण बस की रफ्तार तेज होना बताया जा रहा है. कुछ यात्रियों का कहना था कि तेज […]
औरंगाबाद (ग्रामीण) : गोह-रफीगंज मुख्य मार्ग पर भाम और नयकी गांव के समीप हुई बस दुर्घटना में दो यात्रियों की मौत हो गयी, जबकि 30 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये.
घटना के पीछे का कारण बस की रफ्तार तेज होना बताया जा रहा है. कुछ यात्रियों का कहना था कि तेज रफ्तार के कारण चालक ने संतुलन खो दिया और असंतुलित होकर बस पलट गयी. वहीं, कुछ यात्रियों का कहना था कि बस का टायर फटने से हादसा हुआ. साथ ही चर्चा थी कि बस ओवरलोडेड थी.
बस प्रबंधन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. घटना में घायल खोरीखाप निवासी चौकीदार रामनरेश यादव ने बताया कि जिस जगह से बस खुली थी, वहीं से बस में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे. घटना के चंद सेकेंड पहले टायर फटने की आवाज आयी. जब तक यात्री कुछ समझ पाते, तब तक बस पलट चुकी थी. गनीमत रही कि इस घटना में ज्यादा लोगों की मौत नहीं हुयी.
कर रहे थे मुआवजे की मांग
बस पलटने के बाद तिनेरी व आसपास के सैकड़ों लोग घटनास्थल पर पहुंच गये. सबसे पहले घायलों का हाल जाना, लेकिन जैसे ही उनकी नजर मृतकों पर पड़ी, वे आक्रोशित हो गये. सड़क को जाम कर दिया. सरकार व प्रशासन के विरुद्ध नारे लगाये. इसके बाद बस में आग लगा दी.
घटना की सूचना पर पहुंचे रफीगंज की पुलिस व अंचलाधिकारी को भी ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. आक्रोशित लोगों का कहना था कि आये दिन इस तरह की घटनाएं होती हैं लेकिन, इस पर प्रशासन का ध्यान नहीं जाता है. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे डॉ तुलसी यादव व अन्य जनप्रतिनिधियों ने दोनों अधिकारियों से मांग की कि मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व मुआवजा के साथ-साथ घायलों के नि:शुल्क इलाज का प्रबंध करें.
सड़क जाम को देखते हुए थानाध्यक्ष व सीओ ने हर संभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया. इसके बाद भी प्रदर्शनकारी टिकारी के एसडीओ और कोच के बीडीओ, सीओ को बुलाने की मांग कर रहे थे. आखिरकार टेकारी एसडीओ किशोर कुमार, कोच बीडीओ राजकुमार और सीओ सत्येंद्र प्रताप मधुकर को घटनास्थल पहुंचे.
मृतकों के परिजनों को पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20-20 हजार रुपये और कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत 15-15 सौ रुपये की राशि दी गयी. तब जाकर प्रदर्शनकारी शांत हुये.