शहर में चार घंटे ट्रैफिक बाधित
औरंगाबाद (ग्रामीण) : टॉपर्स डिग्री घोटाला में राजनीतिक संरक्षण व न्यायिक जांच कराने के सवाल पर भाकपा माले के बिहार बंद का मिला-जुला असर औरंगाबाद में देखा गया. करीब तीन से चार घंटे तक शहर की ट्रैफिक प्रभावित रही. मुख्य बाजार पथ में धर्मशाला चौक, सब्जी मंडी व रमेश चौक पर यातायात पूरी तरह बाधित […]
औरंगाबाद (ग्रामीण) : टॉपर्स डिग्री घोटाला में राजनीतिक संरक्षण व न्यायिक जांच कराने के सवाल पर भाकपा माले के बिहार बंद का मिला-जुला असर औरंगाबाद में देखा गया. करीब तीन से चार घंटे तक शहर की ट्रैफिक प्रभावित रही. मुख्य बाजार पथ में धर्मशाला चौक, सब्जी मंडी व रमेश चौक पर यातायात पूरी तरह बाधित रही. सुबह सात बजे से 11 बजे तक शहरी की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरायी नजर आयी. जाम में चारपहिया वाहनों के अलावा स्कूली बस भी फंसे रहे.
हालांकि, किसी तरह स्कूली बसों को निकाला गया. लेकिन, विद्यार्थियों को कुछ समय परेशानियों का सामना करना पड़ा. बंद में शामिल भाकपा माले, आइसा एवं आरवाइए के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय राज मार्ग दो को भी घंटों जाम रखा. प्रदर्शनकारियों ने काम बिगहा मोड़ के पास सरकार विरोधी नारे भी लगाये. नीतीश कुमार मुरदाबाद, बिहार को बदनाम करना बंद करो व शिक्षा स्तर में सुधार करो के नारे आंदोलनकारी लगाते रहे. बंद का नेतृत्व कर रहे काॅमरेड मुनारिक, योगेंद्र राम, नागा राम, नीरज कुमार सिंह व अजीत कुमार ने कहा कि राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत माले ने बंद बुलाया था. राज्य सरकार ने टॉपर डिग्री घोटाला के नाम पर नंगा नाच किया है. मैट्रिक व इंटर की कदाचारमुक्त परीक्षा करा कर सरकार व उनके शिक्षा मंत्री अपने पीठ थपथपा रहे हैं. लेकिन, कभी भी उन्होंने ये नहीं कहा कि बिहार में शिक्षा के स्तर को ऊंचा किया गया है.
अगर, पढ़ाई की गुणवत्ता ठीक नहीं होगी, तो सिर्फ परीक्षा लेने से शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं होगा. मैरिट घोटाले का गोरखधंधा पहले से चला आ रहा है. इसकी सीबीआइ जांच हो, तो बड़े-बड़े सफेदपोशों के चेहरा बेनकाब हो जायेंगे. शिक्षा माफियाओं और संलिप्त अधिकारियों की संपत्ति सीधे तौर पर जब्त होनी चाहिए. इधर, शहर में जगह-जगह पर प्रदर्शन के बाद करीब 60 कार्यकर्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी नगर थाने की पुलिस को दी. इस मौके पर कैलाश पासवान, नवल भुइंया, विकास रंजन, सोनू कुमार, शशि कुमार, अरविंद कुमार आदि मौजूद थे.