24 को हलफनामा दायर करेंगे केंद्रीय वन सचिव

उत्तर कोयल नहर परियोजना के पूरा नहीं होने के मामले की हाइकोर्ट में हुई सुनवाई गोकुल सेना के अध्यक्ष ने 2015 में दायर किया था हलफनामा औरंगाबाद नगर : उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना का काम पूरा नहीं होने के मामले की सुनवाई 26 जुलाई को हाइकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2016 8:17 AM
उत्तर कोयल नहर परियोजना के पूरा नहीं होने के मामले की हाइकोर्ट में हुई सुनवाई
गोकुल सेना के अध्यक्ष ने 2015 में दायर किया था हलफनामा
औरंगाबाद नगर : उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना का काम पूरा नहीं होने के मामले की सुनवाई 26 जुलाई को हाइकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी व न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह ने की. इस दौरान न्यायमूर्तियों ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव को तलब करते हुए 24 अगस्त को न्यायालय में हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान संजीव नारायण सिंह के अधिवक्ता संजीव मिश्रा ने बताया कि 1978 में एक लाख 24 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन की सिंचाई के लिए करोड़ों रुपये की लागत से उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना शुरू की गयी थी. बिहार व झारखंड के बंटवारे के बाद बिहार में एक लाख 17 हजार हेक्टेयर व शेष झारखंड की भूमि की सिंचाई होनी है. परियोजना का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है.
करोड़ों रुपये खर्च भी हो चुके हैं, लेकिन झारखंड के लातेहार जिले में पड़ने वाले कुटकु डैम में अब तक फाटक नहीं लग सका है. इसके कारण किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है व परियोजना अधूरी पड़ी है. इसके पीछे कारण यह है कि वन एवं पर्यावरण विभाग एनओसी नहीं दे पा रहा है, जबकि झारखंड के मुख्य सचिव राजवाला वर्मा ने एनओसी जारी करने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग को पत्र भी भेजा है. लेकिन, अब तक कुछ नहीं हुआ.
इस पर न्यायमूर्ति ने 24 अगस्त को वन एवं पर्यावरण सचिव को हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि गोकुल सेना के अध्यक्ष संजीव नारायण सिंह ने 2015 के जुलाई माह में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसका सुनवाई चल रहा है.

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