लोगों ने खुद ही बनाया रास्ता

कहा, अगले साल होनेवाले चुनाव में पार्षदों को सिखायेंगे सबक औरंगाबाद सदर : सरकारी विभागों में कामकाज के तरीके लोगों को हमेशा परेशानी में डाला है. ऐसा ही एक उदाहरण औरंगाबाद नगर पर्षद में देखने को मिला, जहां लोग लगातार दो सप्ताह तक पुल का एप्रोच पथ बनवाने की गुहार लगा कर थक गये हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2016 8:17 AM
कहा, अगले साल होनेवाले चुनाव में पार्षदों को सिखायेंगे सबक
औरंगाबाद सदर : सरकारी विभागों में कामकाज के तरीके लोगों को हमेशा परेशानी में डाला है. ऐसा ही एक उदाहरण औरंगाबाद नगर पर्षद में देखने को मिला, जहां लोग लगातार दो सप्ताह तक पुल का एप्रोच पथ बनवाने की गुहार लगा कर थक गये हैं. लेकिन, नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी न तो लोगों की समस्या को दूर करने के लिए आगे आये और न ही कोई जनप्रतिनिधि.
अंत में थक हार कर लोगों ने चौधरी नगर के पुल के कटे रास्ते को खुद ही बनाने का निर्णय लिया. गौरतलब है कि वार्ड 31 के चौधरीनगर व वार्ड 22 के राजर्षी विद्या मंदिर स्थित अदरी नदी पर बने पुल का संपर्क पथ दो सप्ताह पूर्व तेज बारिश के कारण नदी में आये उफान से कट कर बह गया था.
इसके बाद करीब पांच गांव चौधरीनगर, तिवारी बिगहा, चरण बिगहा व बेला आदि का संपर्क शहर से टूट गया था. संपर्क पथ भरवाने की मांग कई बार नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार, चेयरमैन स्वेता गुप्ता व स्थानीय वार्ड पार्षद प्रतिनिधि ब्रजेश कुमार से की गयी, लेकिन रास्ते की मरम्मत नहीं करायी गयी.
इसके बाद लोगों ने ये तय किया कि खुद के पैसे से रास्ते को भर कर चालू कराया जाये. बुधवार को कुछ लोगों ने चंदा कर खुद के पैसे से जेसीबी (अर्थमूवर) मंगायी और फिर संपर्क पथ को भरवाया. स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर पर्षद को कई बार इसकी शिकायत की गयी, लेकिन पदाधिकारी जेसीबी के ड्राइवर नहीं होने की बात कह कर हमेशा टालते रहे, जबकि बुधवार को नगर पर्षद की जेसीबी का ड्राइवर शहर का कूड़ा उठाते नजर आया. तब जाकर लोगों ने यह निर्णय लिया कि नगर पर्षद के हर रोज की झूठ को बरदाश्त करने से अच्छा है कि खुद से रास्ते को भर कर आवागमन चालू किया जाये.
रास्ते को बनवाने में स्थानीय लोगों में सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता, श्याम कुमार, विजय सोनी, सौरभ कुमार, किशोरी सिंह, वीरेंद्र गुप्ता व अक्षय कुमार ने पहल की है. स्थानीय लोगों ने यह भी कहा है कि जनप्रतिनिधियों की चाल-ढाल दिख गया है. अगले वर्ष नगर पर्षद के चुनाव में उन्हें सबक सिखाया जायेगा और ऐसे जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध वोट का भी बहिष्कार किया जायेगा.

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