गुस्साये जनप्रतिनिधियों ने किया ट्रेनिंग का बहिष्कार

अिधकािरयों पर लगाया उपेक्षा का आरोप काफी समझाने के बाद मंगलवार से ट्रेनिंग में शामिल होने की कही बात ढाई घंटे तक हॉल में बैठ कर इंतजार करते रहे पंचायत प्रतिनिधि दाउदनगर : जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये दाउदनगर एवं हसपुरा प्रखंडों के प्रमुख एवं पंचायत समिति सदस्यों ने प्रशिक्षण का बहिष्कार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2016 6:28 AM
अिधकािरयों पर लगाया उपेक्षा का आरोप
काफी समझाने के बाद मंगलवार से ट्रेनिंग में शामिल होने की कही बात
ढाई घंटे तक हॉल में बैठ कर इंतजार करते रहे पंचायत प्रतिनिधि
दाउदनगर : जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये दाउदनगर एवं हसपुरा प्रखंडों के प्रमुख एवं पंचायत समिति सदस्यों ने प्रशिक्षण का बहिष्कार किया. सोमवार को मनरेगा भवन में आयोजित प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का पहला दिन था.
दोपहर करीब साढ़े बारह बजे दोनों प्रमुख एवं दोनों प्रखंडों के पंचायत समिति सदस्य बाहर निकल गये और जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा कर आरोप लगाया. हसपुरा प्रखंड प्रमुख संजय मंडल ने कहा कि प्रशिक्षण संबंधित पत्र पर समय का जिक्र नहीं था. करीब ढाई घंटे से आकर हॉल में बैठे हुए हैं. कोई पूछने वाला भी नहीं है.
पानी तक के लिए नहीं पूछा गया. भीषण गर्मी में बैठे हुए हैं. 30 से 40 किलोमीटर तक की दूरी से पंचायत समिति सदस्य आये हुए हैं. हस्ताक्षर तक नहीं कराया गया.
कीट का 100 रुपये मांगा जा रहा है. पंचायत समिति किरण यादवेंदु ने कहा कि गर्मी में यदि किसी की तबियत खराब हुई, तो इसका जवाबदेह कौन होगा. दाउदनगर प्रखंड प्रमुख अनिल कुमार ने कहा कि सोमवार के प्रशिक्षण का वे लोग बहिष्कार कर रहे हैं.
दाउदनगर के 21 एवं हसपुरा के 20 यानी 41 पंसस ने पहले दिन के प्रशिक्षण का बहिष्कार किया. इस मौके पर दाउदनगर के उपप्रमुख नंद शर्मा, पंसस नीलम देवी, संजय पासवान, ललिता देवी, रीतम देवी, विकास कुमार, हसपुरा के उप प्रमुख अनिल आर्य, पंसस रामजीत राम, धनंजय कुमार प्रमुख रूप से मौजूद रहे.
समझाने का प्रयास असफल : प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी मनोज कुमार ने नाराज पंसस को समझाने का असफल प्रयास किया, लेकिन पंसस ने कहा कि अब मंगलवार को प्रशिक्षण में शामिल होंगे. बहिष्कार की सूचना सक्षम पदाधिकारियों को दी जा रही है. श्री कुमार ने कहा कि वे स्टेट लेवल ट्रेनर हैं और तीन प्रखंडों के प्रभार में हैं. कागजी प्रक्रिया और किताब आदि बांटने में विलंब हुआ है.

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