विरोध में हड़ताल पर गयी एएनएम

भगवान भरोसे हैं वार्ड में भरती मरीज औरंगाबाद शहर : औरंगाबाद सदर अस्पताल में छह वर्षीय बच्ची मुस्कान की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के दौरान बच्चा वार्ड में चिकित्सीय उपकरणों को इधर-उधर फेंक दिया गया. वहीं, डयूटी पर कार्यरत महिला कर्मियों के साथ आक्रोशितों ने दुर्व्यवहार करते हुए मारपीट की. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2016 7:42 AM
भगवान भरोसे हैं वार्ड में भरती मरीज
औरंगाबाद शहर : औरंगाबाद सदर अस्पताल में छह वर्षीय बच्ची मुस्कान की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के दौरान बच्चा वार्ड में चिकित्सीय उपकरणों को इधर-उधर फेंक दिया गया.
वहीं, डयूटी पर कार्यरत महिला कर्मियों के साथ आक्रोशितों ने दुर्व्यवहार करते हुए मारपीट की. लगभग दो घंटे तक अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल रहा और पूरा अस्पताल परिसर रणक्षेत्र में तब्दील रहा. घटना की सूचना पाकर नगर थानाध्यक्ष एसके सुमन दल-बल के साथ अस्पताल पहुंचे और हंगामा कर रहे परिजनों को समझा-बुझा कर शांत कराया. बताया जा रहा है कि पोइवां पंचायत के वाजितपुर गांव के उदय शर्मा की छह वर्षीय पुत्री मुस्कान कुमारी की तबीयत मंगलवार की रात अचानक खराब हो गयी.
दादी सुमित्रा देवी, मानमती देवी, चाचा राजेंद्र शर्मा, बजरंगी कुमार व अन्य परिजन उसे लेकर रात 11 बजे सदर अस्पताल पहुंचे. ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सक ने मुस्कान को अस्पताल के शिशु वार्ड में भरती कर इलाज प्रारंभ किया. बुधवार की सुबह इलाज के दौरान मुस्कान की मौत हो गयी. जैसे ही मुस्कान की मौत होने की जानकारी परिजनों को मिली, वे आक्रोशित हो गये और इलाज में चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया. वार्ड में रखे सामान को इधर-उधर फेंक दिया.
महिला कर्मी पुष्पा कुमारी व अन्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया. उनके साथ हाथापायी भी की. परिजनों का कहना था कि मुस्कान का इलाज ठीक ढंग से नहीं किया गया. ड्यूटी पर कार्यरत चिकित्सकों से बार-बार उसके इलाज की गुहार लगायी गयी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. इधर, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ राजकुमार प्रसाद ने बताया कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती है. परिजनों का आरोप पूरी तरह गलत है.
इधर, महिला एएनएम कर्मी के साथ हुए दुर्व्यवहार व मारपीट के बाद एएनएम ड्यूटी छोड़ कर हड़ताल पर चली गयीं हैं, जिसके कारण सदर अस्पताल में मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. वार्ड में भरती मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. जिन्हें न तो कोई पानी चढ़ाने वाला है और न सूई देने वाला. सिविल सर्जन ने बताया कि जल्द ही वार्ता कर व्यवस्था काे सुचारु कर लिया जायेगा.

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