डाकघर, बीएसएनएल, एनटीपीसी व कई कार्यालयों में कामकाज ठप

औरंगाबाद नगर : केन्द्र सरकार की नई श्रमिक व निवेश नीति के विरोध में अलग-अलग ट्रेड यूनियनों से जुड़े हजारों कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे. हड़ताली कर्मचारियों ने विभिन्न संस्थानों, प्रतिष्ठान्नों में कार्य बहिष्कार कर नारेबाजी की. इस दौरान केन्द्रीय संयुक्त डाक कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2016 7:20 AM

औरंगाबाद नगर : केन्द्र सरकार की नई श्रमिक व निवेश नीति के विरोध में अलग-अलग ट्रेड यूनियनों से जुड़े हजारों कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे. हड़ताली कर्मचारियों ने विभिन्न संस्थानों, प्रतिष्ठान्नों में कार्य बहिष्कार कर नारेबाजी की.

इस दौरान केन्द्रीय संयुक्त डाक कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही धरना दिया. इसकी अध्यक्षता अशोक कुमार सिंह ने की. इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जो नई श्रमिक निवेश नीति लागू की जा रही है, उससे कर्मचारियों को परेशानी होगी. हम सभी कर्मचारी इसे लागू नही होने देंगे. जरूरत पड़ी तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जायेगा.

धरना को रंधीर कुमार सिंह, राजकिशोर सिंह, नंदकिशोर राय, वीरेंद्र सिंह, रवींद्र पांडेय, संजीव सिंह, गुलफाम अनवर सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे. वही भारत संचार निगम लिमिटेड के इंप्लाइज यूनियन के कर्मचारियों ने अपनी चार मांगों को लेकर शुक्रवार को कार्य का बहिष्कार किया.

इस दौरान बीएसएनएल के सभी कार्य ठप रहे. कर्मचारियों ने बीएसएनएल ऑफिस के मुख्य गेट पर ही धरना दिया. धरना को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि सरकार मजदूर विरोधी कार्य कर रही है. धरना के माध्यम से बीएसएनएल की बिक्री, विनिवेश का प्रस्ताव रद्द करो, पुनर्जीवित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करो, नन एक्जिक्यूटिव के लिये वेतन शीघ्र शुरू करें सहित अन्य मांगें रखीं. इस मौके पर सचिव शिवकुमार प्रसाद, रामप्रवेश सिंह, चंद्रदेव पासवान, प्रेमनाथ मिश्र, जगदीश प्रसाद, दूखन, कामेश्वर, अवध, अजीत, विश्वजीत, विजेन्द्र, अमर, राजेश आदि शामिल थे. इसके अलावे बीमा कर्मी, बैंक कर्मी भी हड़ताल पर रहे. वहीं कर्मियों का समर्थन आइसा के जिला संयोजक अजीत कुमार ने दिया और कहा कि सरकार द्वारा जो नीति अपनाई जा रही है, वह गलत है. गरीब-मजदूर विरोधी है. वहीं निर्माण मजदूर यूनियन के लोगों ने भी ट्रेड यूनियन कर्मचारियों का समर्थन किया और केन्द्र सरकार का नीति को गलत करार दिया. विरोध करने वालों में नीरज कुमार, रामचंद्र यादव, नागा राम, कैलाश पासावान, शत्रुध्न प्रजापति, अवधेश गिरी शामिल थे.

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के जिलाध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने भी केंद्र सरकार की गलत नीति का विरोध किया और कर्मियों को समर्थन करते हुए दस सूत्री मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा.

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट ने भी ट्रेड यूनियन की हड़ताल का समर्थन किया और इस संगठन के लोग सामूहिक अवकाश पर रहे. साथ ही अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा, जिसमें अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, सचिव गोपाल प्रसाद गुप्ता, मनोज कुमार सिंह शामिल थे.

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