हत्या की घटना के बाद रोड जाम करना पड़ा महंगा, 40-50 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज

औरंगाबाद नगर : डीएवी के शिक्षक कमलाकांत चौबे हत्याकांड को लेकर शनिवार को नगर थाना क्षेत्र के कामा बिगहा मोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग दो को जाम कर प्रदर्शन करने के मामले में प्रशासन ने सख्त रूख अख्तियार किया है. सड़क जाम के दौरान पुलिस पर पथराव, वाहन की तोड़फोड़ मामले में नगर थाना में एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2016 5:45 AM

औरंगाबाद नगर : डीएवी के शिक्षक कमलाकांत चौबे हत्याकांड को लेकर शनिवार को नगर थाना क्षेत्र के कामा बिगहा मोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग दो को जाम कर प्रदर्शन करने के मामले में प्रशासन ने सख्त रूख अख्तियार किया है. सड़क जाम के दौरान पुलिस पर पथराव, वाहन की तोड़फोड़ मामले में नगर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

यह प्राथमिकी सदर अंचलाधिकारी शंकरलाल विश्वास के बयान पर थाना कांड संख्या 288/16 धारा 147, 148, 149, 341, 353, 337, 427, 383, 342 के तहत दर्ज की गयी है. दर्ज प्राथमिकी में अंचलाधिकारी ने उल्लेख किया है कि 23 सितंबर की रात धर्मशाला चौक पर कमलाकांत चौबे की हत्या अपराधियों द्वारा की गयी थी, इस घटना की नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर मृतक के भाई नीतेश कांत चौबे के नेतृत्व में आक्रोशित लोगों ने कामा बिगहा मोड़ स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग दो को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. सीओ ने बताया है कि सूचना पाकर वे स्वयं, नगर थानाध्यक्ष एसके सुमन के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों को काफी समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित लोग किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे. सीओ ने उपद्रवियों द्वारा प्रशासन पर पत्थरबाजी व
पुलिस लाइन के वाहन को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया है. घटना की जानकारी पाकर एसडीओ, एसडीपीओ मौके पर पहुंचे, तब जाकर तीन घंटे बाद मामला शांत हुआ. इस कांड में मृतक के भाई नीतेशकांत चौबे, दीपक सिंह, शैलेन्द्र उर्फ विकास मेहता निवासी शाहपुर, पुरन गिरी, रवि कुमार, भोला सिंह निवासी यमुना नगर, दिनेश यादव निवासी पिपरडीह, मंटू कुमार निवासी महुआ शहीद सभी थाना नगर एवं सौरभ कुमार संजय निवासी मिर्जापुर थाना कुटुंबा को नामजद आरोपित बनाया गया है,
जबकि 40 से 50 लोगों को अज्ञात आरोपित बनाया गया है. एसपी सत्यप्रकाश ने बताया कि सड़क जाम के दौरान जिन लोगों ने कानून को हाथ में लेने का काम किया है, उनमें किसी को बख्शा नहीं जायेगा. अन्य लोगों की पहचान की जा रही है. साथ ही गिरफ्तारी के लिये छापेमारी की जा रही है. बात-बात पर किसी भी समस्या का समाधान सड़क जाम करने से नहीं होता है, बल्कि वार्ता करने से होता है.

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