सिविल कोर्ट की सुरक्षा भगवान भरोसे, नहीं हो रही मानीटरिंग

बार-बार हादसों के बाद भी नहीं चेत रहे अधिकारी सुरक्षा में लगाये गये जवान बने लापरवाह औरंगाबाद शहर : सरकार के बार-बार निर्देशों के बावजूद भी सिविल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. राज्य की अलग-अलग कचहरियों में कई आपराधिक वारदातों के बावजूद जिले के अधिकारी इससे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2016 8:31 AM
बार-बार हादसों के बाद भी नहीं चेत रहे अधिकारी
सुरक्षा में लगाये गये जवान बने लापरवाह
औरंगाबाद शहर : सरकार के बार-बार निर्देशों के बावजूद भी सिविल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. राज्य की अलग-अलग कचहरियों में कई आपराधिक वारदातों के बावजूद जिले के अधिकारी इससे सबक लेने को तैयार नहीं हैं. सिविल कोर्ट में सुरक्षा का हाल काफी बुरा है. यों तो, कोर्ट की सुरक्षा के लिए महिला व पुरुष पुलिस की तैनाती की गयी है. लेकिन, यहां तैनात सुरक्षाकर्मी अपनी ड्यूटी को लेकर पूरी तरह लापरवाह हैं. सुरक्षा कर्मी सिर्फ खानापूर्ति करते दिखाई पड़ते है. न्यायालय में प्रवेश करनेवाले लोगों की जांच-पड़ताल भी नहीं की जा रही है.
कभी-कभी खानापूर्ति के लिए पांच-दस लोगों की जांच कर ली जाती है, लेकिन ऐसी जांच से क्या फायदा. जब अपराधी आपकी चूक के इंतजार में बैठे हों. ऐसा ही नजारा बुधवार को देखने को मिला. ‘प्रभात खबर’ प्रतिनिधि ने जब व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा का जायजा लिया, तो पता चला कि सुरक्षा में पुरुषों के साथ-साथ महिला सुरक्षाकर्मियों को भी पर्याप्त मात्रा में लगाया गया है. यह अलग बात है कि वे वह काम नहीं करते, जिसके लिए उन्हें ड्यूटी पर लगाया गया है.
पुरुष सुरक्षाकर्मी न्यायालय गेट से बिल्कुल अलग थे, तो दो महिला सुरक्षाकर्मी एक बाइक पर बैठ कर मोबाइल से चिपकी दिख रहीं थी. जब कैमरे का फ्लैश न्यायालय गेट पर चमका तो पुरुष जवान तो तुरंत हरकत में आ गये, लेकिन महिला सुरक्षा कर्मियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. बताते चलें कि हाल के दिनों में सूबे के कई जिला न्यायालयों में आपराधिक घटनाएं घटी हैं. इसके बाद न्यायालयों की सुरक्षा बढ़ायी गयी और जांच-पड़ताल भी की जाने लगी. लेकिन, समुचित निगरानी के अभाव में सिविल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लापरवाही अब भी दिख रही है.

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