दीये व पटाखों की जम कर खरीदारी

दीपावली. बाजार में चारों ओर चहल-पहल औरंगाबाद : शहर समेत पूरे जिले में शुक्रवार को धनतेरस के मौके पर जम कर खरीदारी हुई़ देर रात तक ग्राहकों की चहलकदमी से बाजार में रौनक पसरा रहा. शुभ मुहूर्त में लोग आभूषण, बरतन, इलेक्ट्राॅनिक्स आइटम, वाहन सहित अन्य सामानों की खरीदारी की. धनतेरस के साथ ही पांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2016 5:14 AM

दीपावली. बाजार में चारों ओर चहल-पहल

औरंगाबाद : शहर समेत पूरे जिले में शुक्रवार को धनतेरस के मौके पर जम कर खरीदारी हुई़ देर रात तक ग्राहकों की चहलकदमी से बाजार में रौनक पसरा रहा. शुभ मुहूर्त में लोग आभूषण, बरतन, इलेक्ट्राॅनिक्स आइटम, वाहन सहित अन्य सामानों की खरीदारी की. धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का भी शुभारंभ हुआ. शनिवार को जिले भर में छोटी दीवाली मनाने के साथ ही दीपावली की तैयारी भी शुरू हो गयी़ रविवार को पूरे जिले में धूमधाम के साथ दीपावली मनायी जायेगी. दीपोत्सव की तैयारी को लेकर लोगों ने शनिवार को भी विभिन्न पूजा सामग्री की खरीदारी की. वहीं लोग लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति व पटाखों की खरीदारी करते बाजार में दिखे.
दीपावली को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल रही. शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर पटाखों की दुकानें सजी रहीं. लोग पटाखे आदि की खरीदारी उत्साह से करते दिखे. शहर के पटाखा स्टॉलों पर बच्चे व महिलाएं ज्यादा दिखीं. वहीं, शहर के विभिन्न स्थानों पर बिक रहे मिट्टी के दीये की खरीदारी भी लोगों ने उत्साह के साथ किया. चीन व पाकिस्तान से नाराज लोगों ने चीनी समान का खुल कर बहिष्कार किया. ऐसे में बाजार में चाइनीज सामानो की मांग काफी कम रही. लोगों ने मिट्टी के दीये व बरतनों की खरीदारी जम कर की. बाजार में लकड़ी के बने घरकुंडे की भी खूब खरीदारी हुई.
कोलकता से आये गेंदे के फूल से महकेगा शहर : दीपावली पर लोग व व्यवसायी अपने प्रतिष्ठानों को फूल-मालाओं से सजाकर मां लक्ष्मी और गणेश का आवाहन करते हैं. ऐसे में पूरे जिले में अचानक फूलों की मांग बढ़ जाती है. शहर के फूल विक्रेताओं ने इस दीपावली की तैयारी एक सप्ताह पूर्व से शुरू कर दी थी. इस बार फिर से कोलकता से आये गेंदे की फूल से पूरा शहर महकेगा. फूल विक्रेता व त्रिमूर्ति सजावट केंद्र के संचालक आलोक कुमार बताते है कि इस बार व्यवसायियों ने कोलकता से ताजे गेंदे के फूल की खरीदारी की है. इसकी दीपावली पर लोगों में खूब मांग रहती है.
पटाखों व मूर्तियों की खरीदारी करते लोग.

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