बैंकों के गेट खुलने से दो घंटे पहले पहुंच रहे ग्राहक

दरवाजा खुलते ही मच गयी अफरा-तफरी नोट बदलने के लिए लोगों में आपाधापी औरंगाबाद सदर : नोट बदलने और डिपोजिट करने की मारामारी में लोग इस कदर हैरान-परेशान हैं कि बैंक का दरवाजा खुलने से दो घंटे पूर्व ही बैंक पर आ धमक रहे हैं. शुक्रवार को मनी एक्सचेंज के लिये भारी संख्या में शहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2016 7:44 AM

दरवाजा खुलते ही मच गयी अफरा-तफरी

नोट बदलने के लिए लोगों में आपाधापी

औरंगाबाद सदर : नोट बदलने और डिपोजिट करने की मारामारी में लोग इस कदर हैरान-परेशान हैं कि बैंक का दरवाजा खुलने से दो घंटे पूर्व ही बैंक पर आ धमक रहे हैं. शुक्रवार को मनी एक्सचेंज के लिये भारी संख्या में शहर के केनरा बैंक में पहुंचे ग्राहकों की भीड़ इतनी थी कि जैसे ही बैंक का दरवाजा खुला भगदड़ मच गयी.

जिसे देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे किसी स्कूल की मानो छुट्टी हुई हो और बच्चे क्लास रूम से छूट कर घर के लिये निकले हों. क्या औरत और क्या बूढ़े. हर कोई बस रुपये बदलने और जमा करने को लेकर परेशान दिखा. यहां तक कि केनरा बैंक के मैनेजर को अंतत: अपना चैंबर छोड़ कैश काउंटर पर खड़ा होना पड़ा. भीड़ इतनी थी कि बैंक के मुख्य द्वार पर स्थित अभिषेक बजाज मोटरसाइकिल एजेंसी में सर्विसिंग कराने आये लोग भी परेशान हो उठे. वहीं बैंक के बाहर स्थित केनरा बैंक एटीएम के पहले दिन खुलते ही भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी. एटीएम मशीन भी पैसा उगलते-उगलते दोपहर दो बजे तक हार गया. बाद में जब मशीन में पैसे खत्म हो गये, तो मजबूरन एटीएम का शटर गिराना पड़ा. बताते चलें कि यह स्थित सिर्फ केनरा बैंक की नहीं है.

शहर के तमाम बैंकों पर कुछ यही नजारा देखने को मिल रहा है. शहर के रमेश चौक परिषद बाजार स्थित एसबीआइ मेन ब्रांच, एमजी रोड स्थित पीएनबी मेन ब्रांच, एसबीआइ बाजार शाखा, पीएनबी एलसिंह टावर, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, आइडीबीआइ, बंधन बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक सहित हर बैंकों में भारी भीड़ देखी गयी. इन सभी बैंकों के एटीएम पर भी भारी भीड़ देखी गयी. लोग अपनी बारी का इंतजार करते हुए हो हल्ला भी मचाते रहे.

ग्राहकों की भीड़ को लेकर हर बैंक के कर्मचारी परेशान दिखे. वहीं अपने परिजनों के साथ ज्यादा मनी एक्सचेंज करने बैंक पर पहुंचे लोग लाइन में खड़े -खड़े थक जाने के बाद किसी चाय की दुकान या फुटपाथ पर बैठ अपने परिवार का इंतजार करते रहे. इंतजार करने वालों में ज्यादातर वृद्ध और महिलाएं शामिल थीं.

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