दाउदनगर अनुमंडल : देश में नव उदारवादी नई आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई, बेराेजगारी, भूखमरी, कृषि की बदहाली अपने चरम पर है. काला धन समाप्त करने के नाम पर पांच सौ व एक हजार के नोट बंद कर देश के 125 करोड़ लोगों को गहन परेशानियों की तपती भट्ठी में झोंक दिया गया है. विदेशों से काला धन लाकर प्रत्येक भारतवासी के खाते में 15-15 लाख रुपये डालने के वायदे से कन्नी काट लेने के कृत्य पर परदा डालने के लिए नोटबंदी को अंजाम देकर देश की जनता के साथ फर्जीवाड़ा किया है.
उक्त बातें अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने महिला कॉलेज में आयोजित भाकपा माले के नगर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही. उन्होंने कहा कि बैंकों के सामने लगी लंबी कतारें देश की आम जनता की करुण स्थिति का स्वयं बखान कर रही है. लेकिन, मोदी सरकार उनकी कठिनाइयों से यह कह कर आंखें फेर रखी हैं कि काला धन को बाहर लाने के लिए जनता को इतना कष्ट बरदाश्त करना होगा.
उन्होंने बिहार की चर्चा करते हुए कहा कि राजद-जदयू गठबंधन की सरकार भाजपा विरोध के नौटंकी करते हुए उसी की आर्थिक नीतियों को पूरी मुस्तैदी के साथ लागू कर रही है. विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर जीएसटी बिल को आनन-फानन में पारित कराना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. इसलामी मुसलिम कांफ्रेंस के बिहार अध्यक्ष अनवर हुसैन ने भी सम्मेलन को संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि इस शहर में एक समय हम हर दृष्टिकोण से राजनीतिक ताकत हुआ करते थे. परन्तु भिन्न-भिन्न सामाजिक, राजनीतिक परिस्थितियों में आज हम वोटों के आधार पर तीसरी नंबर की ताकत हैं, फिर भी आंदोलन, संघर्ष व सांगठनिक नेटवर्क के मामले में पहली नंबर के ताकत बने हुए हैं. जन संघर्षो के बल पर जनता की विभिन्न तरह की जनसमस्याओं का समाधान कराते हैं. इस मौके पर भाकपा माले जिला सचिव जनार्दन प्रसाद सिंह, पूर्व मुख्य पार्षद धर्मेंद्र कुमार, सुदामा सिंह, राजकुमार भगत, वामदेव सिंह समेत काफी संख्या में पार्टी नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.