औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद के श्रीकृष्ण नगर मोहल्ला के निवासी और लॉर्ड बुद्धा फाउंडेशन स्कूल के प्रिंसिपल मनोज कुमार सिन्हा ने इस बात की कल्पना तक नहीं कि थी कि जिस पत्नी को वह इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन से रिसीव कर लाने जा रहे हैं, उन्हें उनकी क्षत-विक्षत लाश मिलेगी. रविवार तड़के कानपुर के पास हुए ट्रेन हादसे में मारे गये 145 लोगों में उनकी 45 वर्षीय पत्नी सविता श्रीवास्तव भी थीं. मनोज कुमार सिन्हा मूल रूप से बिहार के गया जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के माड़नपुर गांव के निवासी हैं. वे दो सालों से औरंगाबाद के इस स्कूल में बतौर प्रिंसिपल काम कर रहे हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, औरंगाबाद के लॉर्ड बुद्धा फाउंडेशन स्कूल के प्रिंसिपल की धर्मपत्नी सविता श्रीवास्तव कुछ दिन पहले ही अपने बेटे से मिलने इंदौर गयी थीं. उनका बेटा यश प्रियम इंदौर स्थित एनआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी-टेक की पढ़ाई कर रहा है. बेटे से मिलकर वह ट्रेन के एस-थ्री कोच में थी. उनके पति मनोज कुमार सिन्हा उन्हें उस ट्रेन से रिसीव करने के लिए वाराणसी गये थे. उनकी पत्नी का टिकट वाराणसी तक ही बुक कराया गया था.
बताया जाता है कि वाराणसी पहुंचने से पहले ही उन्हें जानकारी मिली कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है. इसके बाद हेल्पलाइन के माध्यम से उन्हें जानकारी हुई कि उनकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं हैं. शव को प्रशासन के माध्यम से वाराणसी में ही मनोज कुमार सिन्हा को सौंप दिया गया, जहां उनका दाह संस्कार किया गया. उनके निधन पर औरंगाबाद में भी शोक व्याप्त हो गया. लॉर्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल के सीनियर और जूनियर ब्रांच में शोक सभा का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी गयी.