औरंगाबाद सदर : जिले में सड़क हादसे के पीछे कुहासा एक बड़ा कारण बन रहा है, जिसके प्रति लोग जागरूक नहीं है. पिछले तीन-चार दिनों से मौसम में आयी तब्दीली के कारण सुबह से ही कुहासा पसरा रहता है, लेकिन ऐसे में सड़क पर वाहनों की आवाजाही नहीं थमती. लोग हाइवे और छोटी सड़कों पर सड़क सुरक्षा को ध्यान में रख कर न तो गाड़ियों का परिचालन कर रहे हैं और न ही यातायात नियमों का पालन. ऐसे में इनकी लापरवाही हादसे का सबब बन रही है.
पिछले दिनों कुहासे के कारण बस और बाइक में टक्कर, ट्रक पलट जाने, बराती गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना घट चुकी है. ऐसी घटनाओं में ड्राइवर की लापरवाही साफ सामने आयी है. इसके पीछे तेज रफ्तार एक बड़ा कारण है. हादसे रोकने के लिये वाहनों की स्पीड पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है. लेकिन, सड़क पर चलनेवाले बड़े व छोटे वाहन यातायात नियमों का ठीक तरीके से पालन नहीं कर रहे हैं और न ही परिवहन विभाग भी सड़क सुरक्षा एहतियात के कोई उपाय कर रहा है.
यातायात नियमों का पालन हमेशा जरूरी
बेपरवाह गाड़ी चलाने से हर दिन लोगों की जान जाती है. ठंड में कोहरे के समय गाड़ियों का परिचालन न करें. विशेष परिस्थिति में चलने पर नियमों का पालन करें. वैसे यातायात नियम हमेशा लोगों को सुरक्षित रखते हैं. इसलिए इसका अनुपालन जरूर करें. कुहासे में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हमेशा ड्राइविंग के समय सतर्क रहें .
रविंद्र नाथ, परिवहन पदाधिकारी, औरंगाबाद
कुहासे में परिचालन पर इन बातों का रखें ध्यान
ठंड के दिनों में नींद या थकावट की स्थिति में आराम कर लें, उसके बाद ही गाड़ी चलायें. आइने को चलने से पहले सही से मिला लें, सीट बेल्ट का उपयोग करें. सड़क पर गाड़ियों के आवागमन पर विशेष ध्यान रखें. गाड़ियों से दूरी बना कर चलें. अक्सर कोहरा सुबह या रात के समय ही होता है. ऐसे में गाड़ियों के परिचालन के वक्त गाड़ियों के हेड लाइट जला कर चलें. सड़क पर कोहरे के समय गाड़ी खड़े करने पर पार्किंग लाइट जरूर जलायें. स्पीड लिमिट का विशेष ध्यान रखें.
जहां होते हैं अक्सर हादसे
वैसे तो राष्ट्रीय राजमार्ग पर ड्राइवरों की लापरवाही के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं, लेकिन औरंगाबाद के देव-मदनपुर के बीच एनएच पर अधिक दुर्घटनाएं घटती हैं. अक्सर यहां छोटे-बड़े गाड़ियों की भिड़ंत तो होती ही है, गाड़ियों के पलटने की घटनाएं घटते रहती हैं. वहीं शहर के फार्म एरिया, कामाबिगहा मोड़, जसोइया मोड़, महाराणा प्रताप चौक, रतनुआ ,जोगिया आदि मोड़ पर भी दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. इन दिनों हादसे ज्यादा ही बढ़ गये हैं.