सेंधमारी कर कुरसी बचाने की जुगत में जुटे वार्ड पार्षद

औरंगाबाद सदर : वार्डों के आरक्षण को लेकर अभी से ही वार्ड पार्षदों ने माथापच्ची शुरू कर दी है़ नगर पर्षद चुनाव 2017 की तैयारी के लिए कमर कस चुके कुछ नये चेहरे व पुराने प्रत्याशी अपनी दावेदारी को लेकर जमीन तलाशने में लगे हैं. इस बार नगर पर्षद चुनाव में आरक्षण को लेकर कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2016 8:40 AM
औरंगाबाद सदर : वार्डों के आरक्षण को लेकर अभी से ही वार्ड पार्षदों ने माथापच्ची शुरू कर दी है़ नगर पर्षद चुनाव 2017 की तैयारी के लिए कमर कस चुके कुछ नये चेहरे व पुराने प्रत्याशी अपनी दावेदारी को लेकर जमीन तलाशने में लगे हैं. इस बार नगर पर्षद चुनाव में आरक्षण को लेकर कई सिटिंग पार्षदों की राजनीति खतरे में पडनेवाली है. ऐसे में अपने वार्ड में फिट नहीं बैठने पर वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए पास के वार्डों में छलांग लगाने को तैयार हैं.
वार्ड पार्षदों के अलावा नगर पर्षद की राजनीति में हमेशा जोर आजमाइश करने वाले दिग्गज भी इस जद्दोजहद में हैं कि उनके चहेतों की कुरसी बच जाये. इस बार ऐसे दिग्गजों की कुरसी भी डगमगाने वाली है. हालांकि कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां मतदाता ही नये प्रत्याशियों को अपने वार्ड से चुनाव लड़ाने का आमंत्रण दे रहे हैं. चुनावी सरगर्मी तेज है. आरक्षण का रोस्टर भी इसी माह नगर पर्षद में आनेवाला है. ऐसे में प्रस्तावित रोस्टर के आधार पर सभी वार्ड के सिटिंग पार्षद वार्ड के चुनाव में अपनी-अपनी जगह तलाश रहे हैं.
वार्ड 10 में होगी कड़ी टक्कर : शहर का सबसे प्रमुख वार्ड जहां से चेयरमैन ने वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ा है वहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की मेहरबानी पर चुनाव के नतीजे तय होते हैं. इस वार्ड का दुर्भाग्य यह रहा कि यहां बुनियादी जरूरतों की पूर्ति आज तक लोगों की नहीं हो सकी है. इस बार के नगर पर्षद चुनाव में भले ही वार्ड दस पर आरक्षण लागू नहीं होगा, पर यहां के मतदाता नये चेहरों को चुनाव के लिए आमंत्रण दे रहे हैं. हालांकि सिटिंग पार्षद अपनी जोर आजमाइश में लगे हैं.2017 के चुनाव में इस वार्ड से कई प्रत्याशी भाग्य आजमायेंगे.
नये रोस्टर में कुरसी बचाने की चुनौती
नगर पर्षद चुनाव को लेकर आनेवाले नये आरक्षण रोस्टर से कई वार्ड पार्षदों की कुरसी खिसक सकती है. नप सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित रोस्टर के आधार पर वार्ड संख्या एक, दो, तीन, चार, पांच, सात 12, 13,14, 19,20,21,23,24,26, 28,29,31 के सिटिंग पार्षदों की कुरसी छिन सकती है. ऐसी स्थिति में इन वार्डों के पार्षद अभी से ही अपने-अपने पास के वार्ड में अपनी जगह बना रहे हैं. जिस दूसरे वार्डों से सिटिंग पार्षद अपनी कुरसी बचाने वाले हैं वहीं नये चेहरे भी उन्हें चुनाव में कड़ी टक्कर दे सकते हैं.
नये-पुराने प्रत्याशियों की पहली पसंद बन रहे ये वार्ड
नगर पर्षद वार्ड संख्या 16,22,23 और 30 नये-पुराने चेहरों के लिए सबसे पसंदीदा वार्ड है. आरक्षण में भले ही दो वार्ड पहले जैसे सुरक्षित रहे, पर हो सकता है कि यहां से कुछ नये चेहरे चुनाव मैदान में सामने आयें. अब तक इन चारों वार्ड के सिटिंग पार्षद अपने वार्ड पर दावेदारी कर रहे हैं. वार्ड 16,23 और 30 से तीन नये चेहरे सामने आ सकते हैं. इन चेहरों को भी मतदाता आमंत्रण दे रहे हैं. ऐसा होता है, तो इससे पुराने पार्षद का पत्ता साफ हो सकता है. वार्ड 22 वर्तमान में जेनरल था और जेनरल रहने की संभावना है. ऐसे में सीटिंग पार्षद की कुरसी भी बच सकती है.
इस बार भी गंगटी से ही चुना जायेगा मुख्य पार्षद !
आरक्षण को लेकर बदल रहे समीकरण ने वार्ड 31 की कुरसी पाने के लिए खूब उठा-पटक चल रही है. इस वार्ड का नेतृत्व पक्के तौर पर बदलने की स्थिति में है. अति पिछड़ा हो जाने से इस वार्ड पर कई नये चेहरे अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं. इस वार्ड का चौधरीनगर और गंगटी मुहल्ला महत्वपूर्ण माना जाता है़ अब तक गंगटी मुहल्ला का ही प्रत्याशी नगर पर्षद चुनाव का बागडोर संभालते आया है. ऐसे में इस बार इन दोनों मुहल्लों से नये-नये चेहरे वार्ड पार्षद की दावेदारी कर रहे हैं. चौधरीनगर से जहां तीन नये चेहरे सामने आ रहे हैं, तो गंगटी से तीन नये चेहरे मतदाताओं के सामने हैं.
बच सकती है सतीश की कुरसी
सबसे खास व चर्चित वार्ड 12 में अब तक युवा नेता सतीश सिंह निर्विरोध निर्वाचित होते आये हैं. इस बार भी ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वार्ड 12 आरक्षण के फेरबदल में पहले जैसा ही रह जायेगा और इससे निर्विरोध पार्षद सतीश सिंह की कुरसी बच सकती है. दो टर्म के कार्यकाल में सतीश सिंह ने वार्ड का सर्वांगीण विकास कर मतदाताओं का दिल तो जीता ही है नगर पर्षद के चहेते नेता भी साबित हुए हैं.

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