खाते में 10 करोड़ ! अटक गयी सांस

औरंगाबाद : नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा होने से संबंधित कई मामले विभिन्न राज्यों में आ चुके हैं. अब ऐसे ही एक मामले में औरंगाबाद जिले के बारुण पंचायत की मुखिया सीमा चौधरी की सांसें अटक गयी है. 30 दिसंबर को मुखिया के मोबाइल फोन नंबर 9955112750 में एक मैसेज आया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2017 8:27 AM
औरंगाबाद : नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा होने से संबंधित कई मामले विभिन्न राज्यों में आ चुके हैं. अब ऐसे ही एक मामले में औरंगाबाद जिले के बारुण पंचायत की मुखिया सीमा चौधरी की सांसें अटक गयी है. 30 दिसंबर को मुखिया के मोबाइल फोन नंबर 9955112750 में एक मैसेज आया. उस मैसेज में दर्शाया गया था कि मुखिया के बारुण स्थित स्टेट बैंक के खाते में नौ करोड़ 99 लाख 99 हजार 999 रुपये जमा हुआ है.
इस मैसेज को देख मुखिया व उनके पति विकास कुमार 31 दिसंबर को स्टेट बैंक पहुंची और मैनेजर मनोज कुमार से बातचीत की. मैनेजर ने अपने कंप्यूटर से मुखिया के एकाउंट का रेकॉर्ड देखा और कहा कि बैंक खाता खोलने के दौरान आधार कार्ड या पैन कार्ड जमा नहीं होने के कारण उनके एकाउंट को एक नियम के तहत सेट होल्ड लगाया गया है. सेट होल्ड लगा देने के कारण ही उन्हें मोबाइल फोन पर एक मैसेज मिला है.
लेकिन, वह मैसेज एकाउंट बैलेंस से संबंधित नहीं है. एक फाॅर्म भर कर दे दें. उनके एकाउंट से सेट होल्ड हटा लिया जायेगा. मैनेजर की बातों से मुखिया संतुष्ट नहीं हुई और इसकी शिकायत बारुण थाने की पुलिस से की.
क्या कहते हैं मैनेजर
बारुण स्थित स्टेट बैंक के मैनेजर मनोज कुमार ने प्रभात खबर को बताया कि करीब डेढ़ माह पहले उनके ब्रांच में सीमा चौधरी के नाम से सेविंग एकाउंट खुला था. लेकिन, उन्होंने आधार कार्ड या पैन कार्ड से संबंधित दस्तावेज नहीं जमा किया था. इस कारण उनके एकाउंट में सेट होल्ड लगाया गया है.
यह बैंक की एक ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से उस खाते से रुपयों की निकासी बंद हो जायेगी. यह प्रक्रिया अमूमन लोन डिफाल्टर वालों के सेविंग एकाउंट में लगायी जाती है. ताकि, उनके सेविंग एकाउंट में जमा रुपयों को लोन एकाउंट में जमा किया जा सके. लेकिन, इस तकनीक का प्रयोग उन बैंक खातों में भी किया जाता है, जिन ग्राहकों से कुछ दस्तावेज लेना है. सेट होल्ड लगाने पर खातेदार को एक मैसेज जाता है. उसी मैसेज को पढ़ कर मुखिया दिग्भ्रमित हो गयी हैं.

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