औरंगाबाद हत्याकांड : साथियों के कमेंट से आहत जवान ने खौफनाक घटना को अंजाम
औरंगाबाद शहर : औरंगाबाद जिले के नवीनगर में लग रही बिजलीघर परियोजना में तैनात सीआइएसएफ के एक जवान ने गुरुवार को चार साथियों पर अंधाधुंध फायरिंग की. इनमें दो की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि दो अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. मृत जवानों में दो बिहार और एक-एक झारखंड व […]
औरंगाबाद शहर : औरंगाबाद जिले के नवीनगर में लग रही बिजलीघर परियोजना में तैनात सीआइएसएफ के एक जवान ने गुरुवार को चार साथियों पर अंधाधुंध फायरिंग की. इनमें दो की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि दो अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. मृत जवानों में दो बिहार और एक-एक झारखंड व उत्तर प्रदेश के रहनेवाले थे.
बताया जाता है कि साथियों के तंज कसने पर नाराज जवान ने अपनी राइफल से 32 राउंड फायरिंग की. अगर वह काबू में नहीं आता, तो स्थिति और भयावह हो सकती थी. आरोपित जवान बलवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह यूपी के अलीगढ़ का रहनेवाला है. सीआइएसएफ ने घटना की कोर्ट ऑफ इनक्वायरी का आदेश दिया है. बिहार पावर होल्डिंग कंपनी और एनटीपीसी की संयुक्त उपक्रम नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एनपीजीसी) यहां कोयला आधारित बिजली घर (660 मेगावाट की तीन यूनिट) लगा रही है. यहां सुरक्षा में सीआइएसएफ को तैनात किया गया है. एसपी सत्यप्रकाश ने बताया कि आरोपित जवान बलवीर सिंह घरेलू विवाद को लेकर तनाव में था.
दोपहर एक बजे उसकी ड्यूटी बदली गयी थी और उसे हथियार जमा करना था. इसी बीच किसी जवान ने उस पर टिप्पणी कर दी. इससे वह अपना आपा खो बैठा और अपनी इंसास राइफल से साथियों पर फायरिंग कर दी. गोली लगने से सब इंस्पेक्टर गौरीशंकर राम व बच्चा शर्मा की मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं, अमरनाथ मिश्र व अरविंद कुमार ने रोहतास जिले में स्थित नारायणी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
फायरिंग से सीआइएसएफ कैंप में मची भगदड़
घटना के दौरान एनपीजीसी के सीआइएसएफ कैंप में भगदड़ मच गयी. गोलियों की तड़तड़ाहट से जवान इधर-उधर भागने लगे. जो जहां था, वहीं छिप गया. बलवीर सिंह अपनी राइफल से अंधाधुंध गोलियां बरसाता रहा. बाद में बलवीर के पीछे खड़े कुछ जवानों ने हिम्मत से काम लेते हुए उसे काबू में किया और एक कमरे में बंद कर दिया. इसके बाद पुलिस को सूचना दी.
सूचना पाकर खैरा, नरारीकलां और बारुण के थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और वरीय अधिकारियों को जानकारी दी. कुछ देर बाद एसपी सत्यप्रकाश, एसडीपीओ पीएन साहू व एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद भी पहुंचे और छानबीन की. पता चला है कि सीआइएसएफ जवान बलवीर सिंह को छुट्टी नहीं मिल रही थी, जिसकी वजह से वह तनाव में था. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है.
2009 में आपसी लड़ाई में छह सैप जवानों की हुई थी मौत
इस घटना ने वर्ष 2009 की याद ताजा कर दी. एक जनवरी, 2009 को खैरा-खैरी के पास गश्ती पर निकले औरंगाबाद मुफस्सिल थाने के सैप जवान मामूली विवाद में आपस में ही भिड़ गये थे. एक जवान ने राइफल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर छह साथी जवानों की हत्या कर दी थी. विवाद शिव-गुरू परिचर्चा को लेकर हुआ था.