औरंगाबाद में चार साथियों पर 34 गोलियां दागने वाला सीआइएसएफ जवान है मानसिक बीमार?

अलीगढ़/पटना : गुरुवार को बिहार के औरंगाबाद में सीआइएसएफ के एक जवान द्वारा अपने चार साथियों की 32 गोली मार कर हत्या कर दिये जाने के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. अंगरेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर दी है कि उत्तरप्रदेश के रहने वाले बलबीर सिंह मानसिक रूप से बीमार था […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2017 10:32 AM

अलीगढ़/पटना : गुरुवार को बिहार के औरंगाबाद में सीआइएसएफ के एक जवान द्वारा अपने चार साथियों की 32 गोली मार कर हत्या कर दिये जाने के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. अंगरेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर दी है कि उत्तरप्रदेश के रहने वाले बलबीर सिंह मानसिक रूप से बीमार था और इस संबंध में उसके परिवार के लोगों ने सीआइएसएफ को सावधान किया था, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

जवान की मां ने कहा है कि हर किसी को पता था कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. अलीगढ़ में उसकी मां सरोज देवी ने टाइम्स ऑफ इंडिया के संवाददाता को कहा, मेरे बड़े बेटे शेर सिंह ने बलबीर की यूनिट को उसकी स्थिति के बारे में बताया था, अगर किसी ने उसकी बात पर ध्यान दिया होता तो जो हुआ वह नहीं होता.

नयी दिल्ली के पहाड़गंज के मैक्स हेल्थकेयर की पिछले ही साल के 26 नवंबर की बिलिंग कॉपी का भी खबर में उल्लेख किया गया है. इसमें दिन के 1.28 बजे बलबीर 950 रुपये उसके नाम से बिल का भुगतान करने का उल्लेख है और मनोचिकित्सक डॉ राज कुमार श्रीवास्तव के द्वारा उसका इलाज कराये जाने की बात कही गयी है.


दो बच्चों के पिता उस जवान के दोस्तों व पड़ोसियों ने कहा है कि वह एक ऐसा बम था, जो कभी भी फट सकता था. सीआइएसएफ के अनुसार, उक्त जवान ने 12 जनवरी को हेड कांस्टेबल बच्चा शर्मा, एएसआइ जीएम राम, हवलदार अरविंद राम को इसलिए गोली मार दी थी, क्योंकि उसे छुट्टी देने से इनकार कर दिया गया था.

2011 में झारखंड के बोकारो में अपनी पोस्टिंग के दौरान भी उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. उसके एक रिश्तेदार ने इस संबंध में बताया कि वह एक बारकारमें बैठ कर जा रहा था,अचानकउसने ड्राइवर की गर्दन पकड़ ली और उसे अधमरा कर दिया औरड्राइवरउस समय मरते-मरते बचा था. उस समयड्राइवरको छुड़ाने के लिए बलबीर के बड़े भाई शेर सिंह को अपने भाई के कान को जोर से काटना पड़ा था.
इतना ही नहीं उसने 2013 में अपनी पत्नी की भी जान लेने की कोशिश की थी. बलबीर 2008 में सीआइएसएफ से जुड़ा था. सीआइएसएफ में शामिल होने के बाद से ही उसका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा था. 2011 में उसकी हालत खराब होने लगी.

खबर में कहा गया है कि बलबीर के छोटे भाई का कहना है कि उसके परिवार ने सीआइएसएफ से उसके इलाज के लिए छुट्टी देने का अनुरोध किया था. पर, सीआइएसएफ ने 10 नवंबर से 31 दिसंबर तक केवल योग कोर्स करवाया. मालूम हो कि सैन्य व अर्द्धसैन्य बलों में अक्सर तनाव से दूर रहने के लिए योग का का सहारा लिया जाता है.

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