घर व दुकानों के आगे रखे डिब्बे उगल रहे कचरे
स्कूल के आगे लगे कूड़े से बाधित हुई पढ़ाई
शिकायतें नहीं सुनते नगर पर्षद के कर्मचारी
औरंगाबाद सदर : नगर पर्षद की अगर धांधली देखनी है, तो औरंगाबाद शहर आ जाएं. यहां की व्यवस्था को बनाये रखनेवाला विभाग सिर्फ अपने ही रिमोट से चलता है. भले ही राजस्व के तौर पर लोग नगर पर्षद का टैक्स भरते हैं. विभाग को आपकी सुविधा से कोई मतलब नहीं है. मकानों से टैक्स लेने के बाद भी आसपास सफाई नहीं करायी जाती. हर जगह कूड़े का अंबार लगा रहता है. नगर पर्षद के लोगों का जब मन करता है, तो कचरा उठा लिया जाता है.
लोगों की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. शहर के बहुत से मुहल्ले ऐसे हैं, जहां किसी -किसी मकान के आगे जबरन कूड़ेदान रख दिये गये हैं, जो पूरे मुहल्ले के लिए कूड़ा फेंकने का अड्डा बन गया है.
शहर के बिराटपुर, नावाडीह, धरनीधर रोड, न्यू काजी मुहल्ला, पुरानी जीटी रोड, क्लब रोड सहित कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर कूड़ेदान को किसी घर या दुकान के आगे रख दिया गया है. सोचने वाली बात ये है, कि किसी दुकान या मकान के आगे जान-बूझ कर कोई कूड़ा फेंकवाना क्यों चाहेगा. ऐसे में यह स्पष्ट है कि बिना किसी अनुमति के ऐसे स्थानों पर जबरन कूड़ेदान को नगर पर्षद ने रख दिया है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है.
वार्ड नंबर 23 बदहाल
शहर के वार्ड नंबर 23 में दो जगहों पर इतने बेतरतीब तरीके से कूड़ेदान को दरवाजे के आगे रख दिया गया है, जिसे देख कर ऐसा लगता है कि कोई नियम-कानून है ही नहीं. पप्पू गुप्ता की खाली पड़े प्लाॅट के मुख्य द्वार के सामने कूड़ादान रख दिया गया है, जो कई दिनों से लोगों के लिए कूड़ा फेंकने के लिए निर्धारित जगह बन गया है. पप्पू ने बताया कि इस व्यवस्था के दोषी मुहल्ले के लोग नहीं, बल्कि नगर पर्षद के कर्मचारी है.
क्या कहते हैं मुख्य पार्षद
नगर पर्षद द्वारा पहले ही लोगों की सहमति लेने के बाद कूड़ेदान को यथा स्थान पर रखा गया है. उस समय किसी की आपत्ति नहीं हुई थी. वैसे भी कोई विकल्प नहीं रहने के कारण उसे हटाना मुश्किल है़ जहां पर कूड़ेदान रखे गये हैं उस जगह की नियमित सफाई करने का आदेश नगर पर्षद के आउटसोर्सिंग एजेंसी के सफाई कर्मचारियों को दी गयी है.
श्वेता गुप्ता, मुख्य पार्षद
कई बार दिये आवेदन, नहीं हुई कार्रवाई
शहर के धरनीधर रोड निवासी पप्पू कुमार ,चंदन कुमार बताते हैं कि घर के आगे कूड़ादान रख दिया गया है. इसके बदबू से कभी-कभी घर में बैठ कर भोजन करना भी मुश्किल हो जाता है. कई बार मौखिक व लिखित शिकायत की, पर कोई सुनने को तैयार नहीं. हमलोगों के घर के अलावा आसपास के लोग भी इस कूड़ेदान से प्रभावित हैं. यही नहीं सड़क पर कूड़ेदान रखे जाने के कारण यातायात में भी दिक्कत होती है. जब कूड़ेदान में कचरा भर जाता है, तो गंदगी सड़कों पर पसरी रहती है.
घर के साथ-साथ स्कूल का काम भी प्रभावित
वार्ड 22 व 23 के बीचोबीच संस्कृत स्कूल के समीप विराटपुर मुहल्ले में भी एक कूड़ादान स्कूल के पास ही रख दिया गया है. इससे आसपास के लोग व छात्र- छात्राएं परेशान हैं. शिक्षक व स्थानीय निवासी राजेश कुमार सिन्हा बताते हैं कि जब डब्बा कचरों से भर जाता है, तो गंदगी दरवाजे तक पहुंच जाती है. कई बार मना किया गया, लेकिन इस पर कोई पहल नहीं की गयी.