छठ घाट को नगर पर्षद ने बना दिया कचरा डंपिंग जोन

चैती छठ में होगी दिक्कत औरंगाबाद सदर : नगर पर्षद क्षेत्र का वार्ड संख्या 22 इन दिनों शहर में कचरा डंप करने का अड्डा बन गया है. इसके विरुद्ध लोगों की जुबान तो खुलती है, पर उनकी शिकायत सुनने को कोई तैयार नहीं होता. स्थानीय लोगों ने बताया कि बिराटपुर राजर्षि स्कूल के पास का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2017 7:46 AM
चैती छठ में होगी दिक्कत
औरंगाबाद सदर : नगर पर्षद क्षेत्र का वार्ड संख्या 22 इन दिनों शहर में कचरा डंप करने का अड्डा बन गया है. इसके विरुद्ध लोगों की जुबान तो खुलती है, पर उनकी शिकायत सुनने को कोई तैयार नहीं होता. स्थानीय लोगों ने बताया कि बिराटपुर राजर्षि स्कूल के पास का इलाका स्वर्ग से नरक में तब्दील हो गया है. साफ-सुथरा व पार्क जैसा दिखनेवाला इलाका अब कचरे से पटा रहता है.
लोग बताते हैं कि सुबह-सुबह सैर सपाटे के लिए यह जगह बड़ी उपर्युक्त मानी जाती थी. साथ ही, पवित्र छठ पर्व पर यहां लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य देने भी पहुंचते हैं. हाल ही में लाखों रुपये की लागत से छठ घाट के आसपास सफाई व्यवस्था के लिए एक बड़े नाले का निर्माण भी कराया गया, जिससे शहर के कई नाले जुड़ते हैं. लेकिन, इस छठ घाट के आसपास के इलाके को डंपिंग जोन के रूप में तब्दील कर दिये जाने से एक स्वच्छ जगह कचरे का हब बन गया है.
सड़ांध और मच्छरों से जीना हुआ मुश्किल : वार्ड 22 के राजर्षि स्कूल के समीप वार्ड पार्षद द्वारा पिछले वर्ष नगर पर्षद के सहयोग से दो सड़कों का निर्माण कराया गया. इसके बनने के बाद लोगों में काफी खुशी देखी गयी. स्कूल के भी शिक्षक इससे काफी प्रसन्न थे. लेकिन, इस जगह पर जब से पूरे शहर का कचरा डंप किया जाने लगा, तब से यह इलाका नरक में बदल गया है. स्कूल के छात्रों की शिकायत है कि स्कूल के पास कचरा डंप किये जाने से दिन में भी मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. वहीं, अदरी नदी के किनारे डंप किये गये कचरे से जब सड़ांध उठती है, तो क्लास रूम में बैठना भी मुश्किल हो जाता है. इसके अलावे आवासीय क्षेत्र में रह रहे लोगों को भी इस गंदगी से बड़ी परेशानी हो रही है.
ईदगाह पर लगी पाबंदी, तो राजर्षि स्कूल को बना दिया डंपिंग जोन
नगर पर्षद के पास कहीं डंपिंग जोन नहीं होने के कारण उसके सफाईकर्मियों को जहां जी में आता है, वहां शहर के कचरे उठा कर डंप कर देते हैं. आवासीय क्षेत्र में रह रहे लोगों की असुविधा का ध्यान भी नहीं रखा जाता. लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले तक नावाडीह मुहल्ले के ईदगाह के समीप नगर पर्षद कचरे को डंप कर रहा था. पर, जब स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत और विरोध किया, तो इस पर पाबंदी लगी और फिर नगर पर्षद वार्ड 22 में ही राजर्षि स्कूल के समीप कचरे को डंप करने लगा. लोग कहते हैं कि एक तरफ आवासीय क्षेत्र से कचरा उठाया जाता है और उसे आवासीय क्षेत्र में ही डंप कर दिया जाता है. नगर पर्षद का यह रवैया शहरवासियों को लगातार परेशान किये हुए है.
आवासीय क्षेत्र में ही क्यों कर रहे डंप!
इधर, वार्ड संख्या 22 और 30 के लोगों की शिकायत है कि आखिर आवासीय क्षेत्र को ही डंपिंग जोन के रूप में क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है. किशोरी सिंह, वीरेंद्र प्रसाद, अजय कुमार, श्याम कुमार का कहना है कि शहर में ऐसे कई जगह हैं, जहां लोग निवास नहीं करते हैं. पूरा का पूरा मैदानी इलाका है. इसके अलावे शहर से सटे एनएच दो पर भी ऐसे कई जगह उपलब्ध है, जहां कचरे को डंप किया जा सकता है. लेकिन, आवासीय क्षेत्र को आखिर क्यों निशाना बनाया जा रहा है. लोगों ने यह भी कहा कि नगर पर्षद की यह कार्रवाई देख कर ऐसा लगता है कि वे किसी के दरवाजे पर भी कचरे को डंप कर सकते हैं. हालांकि, नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी ने कुछ दिन पूर्व कहा था कि जल्द ही नगर पर्षद एक खाली प्लॉट को डंपिंग जोन के रूप में खरीदेगी.

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