दुष्कर्म के आरोपित को मिली सात साल की कैद

औरंगाबाद न्यायालय से पाॅस्को एक्ट में पहला फैसला औरंगाबाद शहर. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय स्थित एडीजे वन के न्यायालय से पाॅस्को एक्ट में पहली बार एक दुष्कर्मी को सजा सुनायी गयी है. दो जुलाई 2013 को बारुण प्रखंड के मोहनगंज में एक 14 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना काे तब अंजाम दिया गया था, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2017 7:50 AM
औरंगाबाद न्यायालय से पाॅस्को एक्ट में पहला फैसला
औरंगाबाद शहर. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय स्थित एडीजे वन के न्यायालय से पाॅस्को एक्ट में पहली बार एक दुष्कर्मी को सजा सुनायी गयी है. दो जुलाई 2013 को बारुण प्रखंड के मोहनगंज में एक 14 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना काे तब अंजाम दिया गया था, जब वह सो रही थी. इस मामले में पीड़िता के बयान पर गांव के ही छोटू कुमार को आरोपित बनाया गया था.
बारुण थाना कांड संख्या 151/13 में धारा 376 और पाॅस्को सेक्शन चार की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने छोटू को दोषी मानते हुए सजा सुनायी है. मंगलवार को दुष्कर्म की घटना की सुनवाई एडीजे वन के न्यायालय में की गयी. धारा 376 में आरोपित छोटू कुमार को सात साल और पांच हजार जुर्माना की सजा सुनायी गयी. पाॅस्को एक्ट के विशेष अभियोजक शिवलाल मेहता ने बताया कि पाॅस्को एक्ट में न्यायालय द्वारा यह पहला फैसला सुनाया गया है. बहस के दौरान बचाव पक्ष से अशोक कुमार गुप्ता ने भाग लिया.

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