औरंगाबाद शहर : विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा नहीं लिये जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे बी-फार्मा के छात्र अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. अधिकांश छात्रों की तबीयत खराब होने के बाद उनका इलाज सदर अस्पताल में कराया गया और कई छात्रों का इलाज अभी भी चल रहा है. बावजूद वे आंदोलन […]
औरंगाबाद शहर : विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा नहीं लिये जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे बी-फार्मा के छात्र अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. अधिकांश छात्रों की तबीयत खराब होने के बाद उनका इलाज सदर अस्पताल में कराया गया और कई छात्रों का इलाज अभी भी चल रहा है.
बावजूद वे आंदोलन पर डटे हुए हैं. गुरुवार की सुबह दीपक कुमार, हिमांशु कुमार सहित चार छात्रों की तबीयत अचानक खराब हो गयी. आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया गया. कई छात्रों को आमरण अनशन स्थल पर ही स्लाइन चढ़ा कर इलाज किया जा रहा है. छात्र संजय कुमार, हिमांशु भूषण, प्रकाश कुमार, मंगलावती कुमारी, राजू कुमार, ज्योति सिंह, राहुल कुमार, ज्ञान रंजन, विरू कुमार, संतोष कुमार ने कहा कि बीफार्मा के कोर्स चार वर्ष की जगह छह वर्ष में भी पूरी नहीं हो रहा है.
छात्रों के समर्थन में उतरा महाविद्यालय प्रबंधन : गुरुवार को महाविद्यालय के कार्यालय का कार्य भी नहीं हो सका. महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि महाविद्यालय प्रबंधन ने भी सभी विभागीय कार्यों को रोक कर धरने पर बैठने का निर्णय लिया है. हालांकि, पता चला कि विश्वविद्यालय ने 25 अप्रैल तक परीक्षा लेने की बात कही है.
विधानसभा में भी उठा छात्रों का मामला : बीफार्मा की परीक्षा को लेकर सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज परिसर में आमरण अनशन पर बैठे छात्रों की गुहार विधानसभा तक भी पहुंची. गुरुवार को औरंगाबाद कांग्रेस विधायक आनंद शंकर ने विधानसभा में छात्रों का मामला उठाया और कहा कि औरंगाबाद में धरना पर बैठे छात्रों की हालत खराब हो गयी है और विश्वविद्यालय प्रबंधन का ध्यान नहीं है.