”शिक्षकों को प्रोन्नति देने में भेदभाव गलत”

औरंगाबाद सदर. औरंगाबाद जिले में प्रारंभिक विद्यालयों के बीए, बीएससी, प्रशिक्षित वैसे शिक्षक, जिनकी उच्चतम योग्यता एमए, एमएससी थी, उनकी प्रोन्नति प्रधानाध्यापक के रूप में कर दी गयी है. कुछ बचे हुए ऐसे शिक्षकों की प्रोन्नति प्रक्रियाधीन रह गयी है, जो बिहार सरकार की प्रोन्नति नियमावली के विरुद्ध है. ये बातें बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2017 9:58 AM
औरंगाबाद सदर. औरंगाबाद जिले में प्रारंभिक विद्यालयों के बीए, बीएससी, प्रशिक्षित वैसे शिक्षक, जिनकी उच्चतम योग्यता एमए, एमएससी थी, उनकी प्रोन्नति प्रधानाध्यापक के रूप में कर दी गयी है. कुछ बचे हुए ऐसे शिक्षकों की प्रोन्नति प्रक्रियाधीन रह गयी है, जो बिहार सरकार की प्रोन्नति नियमावली के विरुद्ध है.

ये बातें बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के सहायक सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कही है. उन्होंने बुधवार को शिक्षकों के साथ हुई बैठक के दौरान कहा कि सरकार के प्रोन्नति नियमावली के अनुसार बीए, बीएससी प्रशिक्षित शिक्षक के रूप में चार वर्षों की सेवा पूरी करनेवाले शिक्षकों को भी प्रधानाध्यापक के रूप में प्रोन्नत होने का हक है.

भले ही उनकी योग्यता एमए, एमएससी नहीं है. नियमावली के विरुद्ध निदेशक, प्राथमिक शिक्षा के एक पत्र ने ऐसे बीए, बीएससी प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक बनने में रूकावट पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि इस पत्र को निष्प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक रणनीति जल्द की तय की जायेगी.

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