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आपदाओं से निबटने को प्रशासन ने कसी कमर, बढ़ेंगी व्यवस्थाएं

बैठक में डीएम ने गर्मी के मौसम में संभावित आपदा से सुरक्षा के लिए विभागवार समीक्षा की.

औरंगाबाद शहर. गर्मी में सूखा, अगलगी, पेयजल की किल्लत व लू जैसी आपदा से निबटने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है और आवश्यक तैयारी की जा रही है. लगातार तापमान में वृद्धि दर्ज हो रही है और गर्मी उपस्थिति का अहसास कराने लगी है. इसे देखते हुए आपदाओं से निबटने के लिए तैयारी हो रही है. सोमवार को डीएम श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक की गयी. बैठक में डीएम ने गर्मी के मौसम में संभावित आपदा से सुरक्षा के लिए विभागवार समीक्षा की. गर्मी के कारण सुखाड़, अगलगी, पीने के पानी की कमी, लू जैसी आपदा से निबटने के लिए सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये. डीएम द्वारा सभी सीओ को बताया कि इस भीषण गर्मी के मौसम में जिले में लू, अगलगी, पेयजल की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय है. इससे निबटने के लिए हमें तत्परता से तैयार रहना होगा. सभी सीओ को निर्देश दिया गया कि बंद पड़े चापाकल को शीघ्र मरम्मत कराएं. टैंकर से भी पानी की व्यवस्था कराएं. साथ ही साथ अपने क्षेत्र में जगह चिह्नित कर घड़ा में भी पानी रखने की व्यवस्था करायी जाये. इसके अलावा जहां अगलगी हो, उस परिवार को अविलंब सहायता राशि प्रदान करें. लोक स्वास्थ्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया कि जिले में कितने चापाकल लगाये गये हैं और उसमें कितने चापाकल खराब हैं. कितने चापाकल की मरम्मत हुई है और बाकी बचे हुए चापाकलों की कितने दिन में मरम्मत कर ली जायेगी. इसका रिपोर्ट सर्वे कराकर अविलंब भेजना सुनिश्चित करें. गर्मी से जुड़ी आपदाओं से निबटने के लिए विभागों के संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया. बैठक में आपदा प्रभारी सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रत्ना प्रियदर्शनी, आइसीडीएस डीपीओ रचना कुमारी, पीएचडी कार्यपालक अभियंता, सिविल सर्जन, सभी बीडीओ, सीओ व जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. पीएचसी में समुचित व्यवस्था करने का निर्देश सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि पीएचसी स्तर पर अस्पतालों में पेयजल की समुचित व्यवस्था, दवा की उपलब्धता, ओआरएस घोल की उपलब्धता, ऑक्सीजन सिलिंडर, डॉक्टर्स की प्रतिनियुक्ति, साफ-सफाई की उचित व्यवस्था करना सुनिश्चित करेंगे. साथ ही साथ ओआरएस घोल प्रत्येक घर में वितरण करायी जाये. इसके अलावा अस्पतालों में एसी और कूलर की पर्याप्त व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया. सुबह 7.30 से 11 बजे तक चलेंगे आंगनबाड़ी गर्मी के मौसम को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के समय में परिवर्तन कर दियाग या है. समीक्षा के दौरान आइसीडीएस डीपीओ द्वारा बताया गया कि आंगनबाड़ी केद्रों की टाइमिंग सुबह 7:30 से 11 बजे तक कर दिया गया है. बच्चों को हल्का कपड़ा पहनने एवं धूप में बाहर निकलने से परहेज के बारे में बताया गया है. डीएम द्वारा आइसीडीएस डीपीओ को बताया गया कि सिविल सर्जन से संबंध स्थापित कर ओआरएस घोल की मांग करें एवं इस प्रत्येक आंबनबाड़ी केंद्रों पर रखने का निर्देश दिया गया. वहीं बिजली विभाग को निर्देश दिया गया कि निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करें. नल जल योजना के सभी स्थलों पर बिजली आपूर्ति निरंतर जारी रखेंगे. पशुओं के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश पशु एवं मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि पशुओं के समुचित इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम गठन करें एवं दवा की प्राप्त उपलब्धता होनी चाहिए. प्रत्येक प्रखंड में पशुओं के इलाज के लिए शिविर लगाने हेतु तीन-तीन छायादार जगह का चुनाव करें. इसके अलावा जिस तालाब, पोखरों में पानी हो वहां पशुओं के पानी पीने के लिए पशु शेड का भी निर्माण कराने का निर्देश दिया गया. इसके अलावा आपदा विभाग की प्रभारी पदाधिकारी रत्ना प्रियदर्शनी ने बताया कि लू एवं सांप काटने पर मौत होने पर शव को पोस्टमार्टम अवश्य करायी जाये ताकि मुआवजा मिलने में कोई परेशानी नं हो.

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