आज से अंबा व नवीनगर के किसानों को मिलेगा कोयल नहर से पानी

बुधुआ माइनर में लगा दिया गया लोहे का गेट अब नहीं होगी दिक्कत

By Prabhat Khabar News Desk | July 6, 2024 9:51 PM

औरंगाबाद/कुटुंबा. उत्तर कोयल नहर के क्षतिग्रस्त तटबंधों को मरम्मत करा दी गयी है. विभाग अंतिम छोर तक नहर का पानी पहुंचाने की कवायद तेज कर दिया है. शीघ्र ही अधिनस्थ क्षेत्रो में सिंचाई सुविधा बहाल होगी. शनिवार को दोपहर के बाद से मुख्य नहर का डिस्चार्ज बढ़ा दिया गया है. बराज के एग्जिक्यूटीव इंजीनियर विनीत प्रकाश ने बताया कि सुबह आठ बजे राइट साइड कैनाल में 750 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. दोपहर के बाद उसे बढ़ाकर 1174 क्यूसेक कर दिया गया है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो वरीय अधिकारियों के निर्देशानुसार रविवार की सुबह क्षमता के अनुरूप नहर संचालन करने का प्रयास किया जायेगा. अधिकारियों ने बताया कि इधर शुक्रवार को झारखंड पोरसन में बुधुआ माइनर में लोहे का एचआर गेट लगा दिया गया है. अब उक्त माइनर के तटबंध टूटने की आशंका समाप्त हो गयी है. जानकारी के अनुसार बुधुआ माइनर में निर्माण के बाद से लेकर अब तक गेट नहीं लगाया गया था.ऐसे में मेन कैनाल का पानी डायरेक्ट नहर में जाता था.वाटर हेड अधिक होने पर माइनर का तटबंध क्षतिग्रस्त होने से रेलवे लाइन जपला के समीप कटाव भी होता था. ऐसी स्थिति में रेलवे के अधिकारी के आपत्ति जताते थे और डिस्चार्ज डाउन करने के लिए बाध्य करते थे. अब औरंगाबाद के किसानों को सिंचाई में दिक्कत नहीं होगी. विदित हो कि 30 जून रविवार को मुख्य नहर का टेस्टिंग शुरू किया गया था. मंगलवार तक नहर का पानी झारखंड की सीमा पार करते हुए नवीनगर और अंबा तक पहुंच गया था. इसी बीच मेन कैनाल से लेकर बसडीहा व महुअरी आदि वितरणियों की तटबंध क्षतिग्रस्त हो गयी. हालांकि, नहर के तटबंध डैमेज होने से धान की रोपाई प्रभावित हुई है. स्थानीय सुही गांव के किसान अजीत कुमार, बुमरू के संजय कुमार सिंह व बहोरा बिगहा के देवेंद्र सिंह ने बताया कि पानी के बिना उनका खेत की जुताई नहीं हो रही है. नर्सरी में बिचड़ा तैयार हो है.पानी मिलते के साथ हीं खेतों की तैयारी कर रोपनी शुरू कर दी जायेगी. जल संसाधन विभाग के एसई अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि जून माह में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. ऐसे में नहर के तटबंधों में सुखी हुई है, जिसके वजह से बड़े-बड़े खतरनाक दरार उभरी हुई है. शुरूआती दौर में छिद्र से पानी लिक करने से तटबंध डैमेज हुई थी. क्षतिग्रस्त तटबंधों को कंप्लीट कर नहर का संचालन शुरू कर दिया है. बराज में पानी की कमी नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version