Aurangabad News : अब पशुओं के इलाज के लिए नहीं भटकेंगे पशुपालक
मोबाइल चिकित्सा वाहन के तहत घर तक पशुओं का किया जायेगा इलाज
औरंगाबाद/अंबा. पशुओं को इलाज के लिए पशुपालकों को अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. बल्कि टोल फ्री नंबर पर सूचना देने के उपरांत चिकित्सक पशुपालक के घर तक जाकर पशुओं का इलाज करेंगे. इसके लिए जिले के सभी 11 प्रखंडों में मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन की व्यवस्था होगी. चिकित्सा वाहन पर एक पशु चिकित्सक, एक सहायक तथा एक चालक उपलब्ध रहेंगे. सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक प्रतिदिन मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन द्वारा पशुओं का इलाज किया जायेगा. चिकित्सा वाहन पर जरूरत की दवाइयां भी उपलब्ध होगी, जो पशुपालकों को नि:शुल्क दिया जायेगा. इस संबंध में जिला पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्याम किशोर व भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि आपातकालीन स्थिति में पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर पशुओं के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देंगे. सूचना मिलते ही मोबाइल चिकित्सा वाहन पर तैनात पशु चिकित्सक एवं कर्मी पशुपालक के घर पहुंचकर समुचित इलाज करेंगे. उन्होंने बताया कि पशुओं को बीमार पड़ जाने पर अस्पताल तक लाने में पशुपालकों को काफी परेशानी होती थी. ऐसे में पशुपालक की सहूलियत को देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों के द्वारा तक चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की पहल शुरू की गयी है.
साेमवार से होगी शुरूआत
पशु चिकित्सा वाहन का लाभ पशुपालकों को सोमवार से मिलेगा. जिला पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कार्यक्रम की शुभारंभ किया. जिले के सभी 11 प्रखंड में एक-एक वाहन उपलब्ध कराया जाना है. भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 के अलावा फार्मर एप बिहार के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं. पशु चिकित्सा केंद्र से दो किलोमीटर तक की दूरी तक के पशुपालकों को केंद्र पर जाकर इलाज के लिए प्रेरित किया जायेगा. वहीं, दूर के पशुपालकों को मोबाइल चिकित्सा वाहन का लाभ दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि एक ही प्रखंड से एक ही बार यदि दो-तीन जगह से पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्या की सूचना प्राप्त होती है, तो पहले ज्यादा जरूरत वाले गांव में वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन मोबाइल पर सूची चिकित्सा वाहन द्वारा दो गांव में सुविधा देने की योजना है
भव्या हेल्थ सर्विस द्वारा किया जायेगा संचालन
भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन के संचालन का जिम्मा विभाग द्वारा भव्या हेल्थ सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है. कंपनी द्वारा वाहन पर चिकित्सा एवं कर्मी रखे जायेंगे. पशुओं की इलाज में किसी तरह की लापरवाही ना हो, इसके लिए विभागीय स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कल सोमवार को जिले में एक से दो मोबाइल चिकित्सा वाहन प्राप्त होने की संभावना है. वहीं इस महीने के अंतिम तक जिले के सभी प्रखंडों में मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन उपलब्ध कराया जायेगा. गौरतलब है कि पशुओं में बीमारी फैलने के बाद समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं होने से पशुपालक गोपालन से दूरी बना रहे हैं. अब सरकार द्वारा घर तक इलाज की सुविधा मिलने से पशुपालकों को काफी सहूलियत होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है